मायावती ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी के विचार और देश में एक सक्षम एवं समर्पित जनजातीय महिला को राष्ट्रपति बनाने के आंदोलन को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का फैसला करते समय बसपा को परामर्श से बाहर रखने के लिए मायावती ने विपक्षी दलों की भी आलोचना की और कहा कि उनकी पार्टी राष्ट्रपति चुनाव पर अपना निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है।
कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी समेत विपक्षी दलों के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा 27 जून को राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन दाखिल करने वाले हैं। मतदान 18 जुलाई को होगा और वोटों की गिनती 21 जुलाई को होगी।