कुंभनगरी में विष्णु महायज्ञ 13 से

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कुम्भनगरी में धीरे-धीरे दूसरे शाही स्नान की भीड़ का आगाज होने लगा है। इसको लेकर प्रशासनिक मशीनरी भी सक्रिय है। विभिन्न आश्रमों में तमाम संस्कार जारी हैं। सोमवार को बैरागी अखाड़े में दो महामण्डलेश्वरों का पट्टाभिषेक कर बैरागियों के महामण्डलेश्वर बनाने का सिलसिला शुरू हो गया। इन बैरागियों के धर्मध्वजा का कल आरोहण हो जाने के बाद कुम्भ कार्यों में तेजी शुरू कर दी है।

पंजाबी खालसे की पेशवाई भी कुम्भनगरी में आज आकर्षण का केंद्र बनी रही। इसका श्रद्घालुओं ने फूल वर्षा से स्वागत किया। रामानंदी व श्यामानंदी संत अब धर्मनगरी वृंदावन से पधार कर अपने कार्यक्रमों से धर्मनगरी का भक्तिमय माहौल बढ़ाने में लग गए हैं।

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13 मार्च से कारगिल में शहीद शहीदों की याद में कुम्भ नगरी में शतकुण्डीय अति विष्णु महायज्ञ का आयोजन भी जम्मू कश्मीर से आए बालक योगेश्वर दास ने करने की तैयारी शुरू कर दी है। 13 मार्च से लेकर 13 अप्रैल तक एक महीने चलने वाले इस यज्ञ में कारगिल में शहीद हुए शहीदों के परिजनों को यहाँ लाए जाने की व्यवस्था भी यहाँ आयोजक कर रहे हैं। इसके लिए कई शहीदों के परिजन यहाँ पहुँचना शुरू हो गए हैं।

उधर कुम्भ काल में आश्रमों में हिन्दू संस्कृति को जानने समझने आए विदेशी श्रद्घालुओं के आपस में विवाह करने की भी अनोखी घटना यहाँ दिखने में आई। आज पायलट बाबा के आश्रम में दो रूसी युवक-युवतियों ने हिन्दू रीति रिवाजों से शादी कर संतों को अपने बाराती एवं पायलट बाबा को माँ व पिता के रूप में स्वीकार कर उनके सम्मुख अग्नि के सात फेरे लेकर शादी कर ली।

इन दोनों युवक-युवतियाँ हिन्दू रीति रिवाजों का ऐसा असर प़ड़ा कि वे गंगातट पर एक दूसरे का हाथ थामने के लिए तैयार हो गए वह भी हिन्दू रीति रिवाज के अनुसार। उधर अन्तर्राष्ट्रीय योग समारोह भी देव संस्कृति विश्वविद्यालय के तत्वावधान में शुरू हो गया।

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