कुंभ मेले में संतों का सत्संग

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शरीर से पृथक-पृथक सम्पूर्ण जानकारी केवल परमेश्वर के द्वारा ही मिल सकता है उन्होंने कहा सद्‌गुरु वह है जो तत्वज्ञान दे, तत्वज्ञान वह है जिसमें संसार-शरीर, जीव, आत्मा, परमात्मा का अलग-अलग बात-चीत सहित साक्षात दर्शन व मुक्ति अमरता का भी साक्षात बोध तत्काल ही प्राप्त हो।

उक्त जानकारी देते हुए सदानन्द तत्वज्ञान परिषद के प्रधान सचिव ठाकुर राम सहाय सिंह ने कुम्भ क्षेत्र के सेक्टर नम्बर 9 के संगममार्ग, पूर्वी पट्‌टी हरिश्चन्द्र मार्ग पर स्थित अपने पण्डाल में सत्संग कार्यक्रम का शुरुआत करते हुए कहा।

उन्होंने कहा कि संत ज्ञानेश्वर स्वामी सदानन्द जी परमहंस द्वारा कार्यक्रम में चुनौती के साथ आज भी परमात्मा का साक्षात्‌ दर्शन कराया जाता है जो वेद, रामायण, गीता, वाईविल, कुरान द्वारा समर्थित है। सब भागवत कृपा।

उन्होंने बताया कि संत ज्ञानेश्वर स्वामी सदानन्दजी परमहंसजी के पास वह ज्ञान था जो भगवान विष्णुजी, रामजी, कृष्णजी के पास था। जिसमें जीव ईश्वर परमेश्वर, रूह-नूर-अल्लाहताला एवं सेल्फ-सोल-गाड तीनों का अलग-अलग बातचीत सहित साक्षात दर्शन साथ ही साथ ही मुक्ति-अमरता का साक्षात बोध भी होता है।

प्रधान सचिव जी ने बताया कि जिस ईश्वर की प्राप्ति हेतु कई तपस्वी महात्मा जन सैकड़ों वर्षों तक तपस्या करते रहते हैं शरीर को गला देते हैं जप, तप, तीर्थ होम आदि करने के बाद ईश्वर की प्राप्ति नहीं हो पाती है, उस आत्मा-ईश्वर-ब्रम्ह- नूर-सोल-भर्गोजोति-चांदना का दर्शन यहां 7 दिन का सत्संग एवं पात्रता, परीक्षण से गुजरने पर कोई भी भगवत्‌ कद्यपा पात्र जिज्ञासु कर सकता है जो वेद, रामायण, गीता, वाइविल, कुरान द्वारा समर्थित है। अतः सभी जिज्ञासु बन्धुओं को आमन्त्रित किया गया है।
- वेबदुनिया

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