महाकुंभ में मातृ शक्ति यज्ञ

SUNDAY MAGAZINE
कुंभनगरी में नवसंवत्सर का स्वागत घाट पर सूर्य को अर्घ्य देकर किया गया। नवरात्रि के कारण हरिद्वार के आस-पास देवी भगवती के सिद्धपीठों में भारी संख्या में श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने पहुँचे।

जूना अखाड़ा की महिला महामंडलेश्वर ने नवज्योति पंडाल में मातृ शक्ति यज्ञ की शुरुआत हो चुकी है। यह यज्ञ आगामी नवरात्रि भर यानी नौ दिन तक चलेगा। इसकी आयोजक माँ मैत्रेयी गिरि ने कहा कि मातृ शक्ति का सम्मान देवताओं ने भी किया। इसी को याद करते नवदुर्गे के दरम्यान मातृशक्ति के सम्मान को बनाए रखने तथा इसे तरजीह देने के लिए किया जा रहा है।

इस यज्ञ का आयोजन कर कुंभ क्षेत्र में पहली बार नई परंपरा ने जन्म लिया है। इसके तहत यज्ञ करा रहे पुरोहित भी महिलाएँ हैं, जिनमें से अधिकांश गुजरात से आई हैं। इनके द्वारा कराए जा रहे मंत्रोच्चार एवं साफ सुथरी वेद ऋचाओं का पाठ सुनने में काफी मधुर हैं।

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अब भी हरिद्वार में भारी मात्रा में श्रद्धालु जमे हैं। सायं की गंगा आरती से लेकर गंगा घाटों पर डुबकी लगाकर पुण्य अर्जन का काम जारी है। हरिद्वार के आस-पास स्थित सिद्धपीठ मंसा देवी, चंडी देवी, माया देवी व गौरा मंदिर में श्रद्धालुओं का ताँता लगा रहा। इसके अलावा कुंभ के लिए विभिन्न अखाड़ों द्वारा लगाए गए पंडालों में भी देवी की पूजा अराधना होते रही।

ज्योतिषियों के अनुसार नव संवत्सर पर ब्रह्मा जी ने प्रकृति की रचना की थी। इसलिए हरिद्वार धर्म नगरी में कथा भागवत व यज्ञों की संख्या में काफी बढ़ोत्तरी की गई। कई पंडालों में भक्तिरस की गंगा बह रही है। ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन में विदेशियों की अंगा आरती एवं नीलघाटी की आरती भी श्रद्धालुओं की भीड़ बटोर रही है। धीरे-धीरे विदेशी श्रद्धालु कुंभ में बढ़ रहे हैं। अब तक 25 हजार के लगभग श्रद्धालु कुंभ नगरी में विभिन्न अखाड़ों में पहुँच रहे हैं।

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