धर्म नगरी प्रयाग महाकुंभ मेला क्षेत्र के सेक्टर नम्बर चार में अन्नत श्रीविभूषित महामंडलेश्वर आचार्य स्वामी चित्प्रकाशानन्द गिरिजी महाराज के प्रवचन चल रहे हैं।
वृंदावन से कुंभ मेला क्षेत्र की पावन धरती पर 1968 से लगातार आकर प्रयाग की गरिमा को बढ़ा रहे स्वामीजी ने कहा कि गंगा कि अविरल धारा को स्वच्छ बनाए रखने के लिए जनमानस को हृदय से गंगा मां की सेवा करनी चाहिए।
उन्होंने कहा, मां गंगा भारतीय संस्कृति का प्रतीक है एवं उनके स्वच्छता के लिए जाति धर्म से उठकर गंगा जल को निर्मल बनाए रखने के लिए सतत प्रयास रत रहना चाहिए।
महाराज द्वारा 27 जनवरी से 2 फरवरी तक श्रीमद्भागवत कथा का रसपान कराया जाएगा। महाराज द्वारा मेले में आए हुए श्रद्धालुओं के लिए चाय एवं भोजन का प्रबंधन प्रति सेवा भाव से प्रसाद के रूप में उपलब्ध कराया जा रहा।
उनके द्वारा कुंभ मेला क्षेत्र में नित्य ही ध्यान, साधना, सत्संग, भजन, कीर्तन, हवन यज्ञ आदि के द्वारा प्रति दिन मां गंगा की सेवा में समर्पित होते हुए भक्तों के कल्याण के लिए प्रार्थना की जाती है। दूर दराज से आए श्रद्धालुओं के लिए महाराज द्वारा आवास एवं भोजन की व्यवस्था की गई है।