6 जनवरी 1907 को गुरु गोकुल दास महाराज का जन्म उत्तरप्रदेश के बेलाताल गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम करणदास तथा माता का नाम श्रीमती हर्बी था। समाज परिवर्तन में मुख्य भूमिका निभाने वाले गोकुल दास जी मेघवंश, डोम, डुमार, बसोर, धानुक, नगारची, हेला आदि समाज के महान संत थे। वे एक तपस्वी, बाल ब्रह्मचारी महाराज थे। वे स्वभाव से शांत स्वरूपा थे। एकांतवास में रहना उन्हें बहुत प्रिय था। गुरु गोकुल दासजी हमेशा शोरगुल से दूर, एकांत स्थान पर रहते थे और अधिकतर समय मौन ही रहते थे।