Who was Lord Swaminarayan: आपने स्वामी नारायण संप्रदाय के भव्य मंदिरों को देखा होगा। गुजरात और दिल्ली सहित देश और दुनिया में इस संप्रदाय के हजारों मंदिर है। आओ जानते हैं कि कौन है भगवान स्वामीनारायण, जिनके नाम पर है एक प्रसिद्ध गाना...स्वामी नारायण नारायण हरि हरि भजमन नारायण नारायण हरि हरि।
कौन है भगवान स्वामीनारायण?
अप्रैल 1781 में अयोध्या के पास छपिया नामक गांव में घनश्याम पांडे का जन्म हुआ। हाथ में पद्म और पैर से बज्र, ऊर्ध्व रेखा तथा कमल जैसे दिखने वाले चिन्ह देखकर ज्योतिषियों ने कहा कि यह बालक लाखों लोगों के जीवन को सही दिशा देगा। जन्म के 5 वर्ष की अवस्था में उन्होंने विद्या आरंभ की। 8 वर्ष की आयु में उनका जनेऊ संस्कार हुआ। इस संस्कार के बाद उन्होंने अनेकों शास्त्रों को पढ़ लिए।
भारत के कई प्रदेशों में भ्रमण करने के बाद वे गुजरात आकर रुके। यहां उन्होंने अपने एक नए संप्रदाय की शुरुआत की और उनके सभी अनुयायियों ने इस संप्रदाय को अंगीकार किया। तब वे पुरुषोत्तम नारायण कहलाए जाने लगे। उन्होंने देश में फैली कुरीतियों को खत्म करने के लिए कई कार्य किए और जब भी देश में प्राकृतिक आपदाएं आई तो उन्होंने अपने अनुयायियों की मदद से लोगों की सेवा की। इस सेवाभाव के चलते लोग उन्हें अवतारी मानने लगे और इस तरह उन्हें स्वामी नारायण कहा जाने लगा। घनश्याम पांडे से नीलकंठवर्णी, नीलकंठ वर्णी से वे पुरुषोत्तम सहजानंद स्वामी और बाद में स्वामी नारायण बन गए।
मानव जाति और धर्म के लिए सेवाभाव की प्रेरणा देते हुए साल 1830 में स्वामीनारायण का देहांत हो गया, लेकिन उनके मानने वाले आज दुनिया के कोने-कोने में हैं जो उन्हें भगवान मानते हैं। उनकी मंदिरों में मूर्तियां स्थापित करके अब उनकी पूजा होने लगी है और साथ ही मंदिरों के माध्यम से भी उनका जीवन दर्शन देखा जा सकता है। जबकि सहजानंद ने नारायण नारायण जपने और श्रीहरि की भक्ति को ही सर्वोपरि माना।