इंदौर। परम श्रद्धेय पूज्यपाद श्री बड़े सरकार जी महाराज का 34वां समाधि उत्सव श्री दादा दरबार इंदौर में माघी पूर्णिमा को मनाया जाएगा। 23 फरवरी से अखंड दादाजी नाम संकीर्तन के साथ उत्सव प्रारंभ होगा। 24 फरवरी को 51 आचार्यों एवं विप्रगणों द्वारा रुद्री पाठ से महाराज जी की समाधि का अभिषेक होगा, भजन सत्संग और संध्या को महाआरती होगी।
श्री बड़े दादाजी महाराज एवं श्री छोटे दादाजी महाराज के कृपा पात्र श्री रामदयाल जी महाराज (श्री बड़े सरकार जी महाराज) जिन्हें श्री छोटे दादाजी महाराज (श्री हरिहर भोले भगवान जी) प्रेम से भैया, सरकार, होलकर सरकार, इंदौर सरकार कहकर संबोधित करते थे। आप राजस्थान के बड़े राजघराने के कुंवर थे, और साईखेड़ा में श्री बड़े दादाजी के दर्शन पाकर, उनकी सेवा में लग गए और अपना राजपाठ हमेशा के लिए छोड़कर साधु बन, श्री दादाजी के होकर साईखेड़ा में ही रह गए।
आप साईखेड़ा से श्री दादाजी के साथ चले और 1930 में खंडवा में अचानक श्री बड़े दादाजी की समाधि होने के उपरांत श्री छोटे दादाजी के द्वारा खंडवा दादा दरबार की स्थापना से, यही खंडवा दरबार में सेवा में रहे। आप 1942 के प्रयाग कुंभ में श्री छोटे दादाजी के साथ प्रयाग पधारे और रास्ते में ट्रेन में श्री छोटे दादाजी ने अनायास चले प्रसंग में आपको आदेश दिया कि हमें श्री बड़े दादाजी की समाधि के समीप समाधि देना।
प्रयाग कुंभ में अचानक जब श्री छोटे दादाजी की तबियत खराब होकर, उनकी देह लीला पूरी हुई तब आप उनकी सेवा में ही थे। प्रयाग कुंभ में सब संतों और अखाड़ों का मत था की श्री छोटे दादाजी को प्रयाग में ही अंतिम संस्कार करे। परंतु गुरु आज्ञा के अनुरूप आपने श्री छोटे दादाजी को संत समाज के विरोध के उपरांत भी श्री छोटे दादाजी के साथ आए 18 भक्तों के साथ मिलकर प्रयाग से खंडवा दरबार लाकर समाधि में श्री बड़े दादाजी के समीप विराजमान कराया।
श्री छोटे दादाजी ने ही आपको हरिहर भवन में ठहराया था, आप वहीं विराजकर 1949 तक दादाजी दरबार खण्डवा में रहें और सेवा करते रहे। परंतु वहां जन्मे अराजकता के माहौल से व्यथित होकर आप इंदौर पधारे और यहां वीरान होलकर राजवंश के शमशान छत्रीबाग में 11 वर्षो तक दिगंबर रहकर बिना अन्न ग्रहण किए धूनी रमाई और तपस्या की। आज यहां श्री दादा दरबार इंदौर है।
आपसे अपने सांसारिक कल्याण हेतु आए हजारों दर्शनार्थी आपके द्वारा आशिर्वाद प्राप्त कर सांसारिक एवं आध्यात्मिक कल्याण प्राप्त कर धन्य हुए और श्री दादाजी के होकर रह गए। आज आपके शिष्य देश-विदेश में श्री दादाजी नाम के सहारे अपना जीवन तार रहे हैं। आज भी आपके द्वारा प्रज्वलित अखंड धूनी 75 वर्षों से सतत प्रज्वलित है, जिसमें श्री फल से हवन कर अनेक भक्त अपने कष्ट एवं संकट दूर कर मन की शांति पाते हैं।
आपने 18 फरवरी 1989 में 107 वर्ष की दीर्घ आयु में अपने शरीर को पूरा किया और आपके कृपा पात्र शिष्य श्री रामेश्वर दयाल जी महाराज (श्री छोटे सरकार जी महाराज) ने अनेक साधु संतों की उपस्थिति में आपको समाधि में विराजमान कराया। तभी से प्रतिवर्ष माघी पूर्णिमा पर आपका समाधि उत्सव मनाया जाता है। आपके अनुयायी पूज्य श्री छोटे सरकार जी महाराज में आपका ही प्रतिबिंब देखते हैं, और जो भक्तों का सांसारिक एवं आध्यात्मिक कल्याण आपके दर्शन से होता था, आज वह पूज्य श्री छोटे सरकार जी महाराज के दर्शन से हो रहा है।
श्री बड़े सरकार जी महाराज का 34वां समाधि उत्सव श्री दादा दरबार इंदौर में माघी पूर्णिमा 24 फरवरी को मनाया जाएगा। 23 फरवरी से अखंड दादाजी नाम संकीर्तन के साथ उत्सव प्रारंभ होगा। 24 फरवरी को 51 आचार्यों एवं विद्वान विप्रगणों द्वारा रुद्री पाठ से समाधि का अभिषेक होगा, एवं भजन सत्संग का क्रम निरंतर चलता रहेगा, संध्या में श्री बड़े दादाजी महाराज की महाआरती होगी इसके पश्चात धूनी पर सवा मन साकल्य से दुर्गा सप्तशती के मंत्रों से गुरुमहराज एवं विप्रो द्वारा हवन होगा। इस उत्सव में प्रतिवर्ष देश विदेश के अनेक श्री दादाजी भक्त आते हैं, पूरे उत्सव में कलेवा, तीनों वक्त का भंडारा चलता है, जिसमें हजारों भक्त महाप्रशाद ग्रहण करते है।