23 अगस्त को तुलसीदास जयंती, पढ़ें 10 अमूल्य विचार

Goswami Tulsidas : इस साल बुधवार, 23 अगस्त को गोस्वामी तुलसीदास जी की जयंती है। उनको संस्कृत के विद्वान और हिन्दी के सर्वश्रेष्ठ कवि माना जाता हैं। उन्होंने हनुमान चालीसा, संकटमोचन हनुमानाष्टक, वैराग्य सन्दीपनी, श्री रामचरितमानस, हनुमान बाहुक, विनयपत्रिका, दोहावली, जानकी मंगल, पार्वती मंगल, कवितावली आदि अनेक ग्रंथों की रचना की, जो उनके विशिष्ट लेखन को जनमानस तक पहुंचाती है। आइए यहां जानते हैं तुलसीदास के 10 अनमोल कथन-
 
गोस्वामी तुलसीदास के अनमोल वचन : 10 tulsidas quotes
 
1. ईश्‍वर ने संसार को कर्म प्रधान बना रखा है, इसमें जो मनुष्‍य जैसा कर्म करता है उसको, वैसा ही फल प्राप्‍त होता है।
 
2. वैसे ही किसी बात को अधिक कहने से रस नहीं रह जाता, जैसे गूलर के फल को फोड़ने पर रस नहीं निकलता है।
 
3. फल के आने से वृक्ष झुक जाते हैं, वर्षा के समय बादल झुक जाते हैं, संपत्ति के समय सज्जन भी नम्र होते हैं। परोपकारियों का स्वभाव ही ऐसा ही होता है।
 
4. जिस व्यक्ति की तृष्णा जितनी बड़ी होती है, वह उतना ही बड़ा दरिद्र होता है।
 
5. स्वप्न वही देखना चाहिए, जो पूरा हो सके।
 
6. धर्म, मित्र, धैर्य और नारी की परीक्षा आपात स्थिति में ही होती है।
 
7. वृक्ष अपने सिर पर गर्मी सहता है, पर अपनी छाया में दूसरों का ताप दूर करता है।
 
8. पेट की आग (भूख) बड़वाग्नि से बड़ी होती है।
 
9. तप के बल से ब्रह्मा सृष्टि करते हैं। तप से संसार में कोई भी वस्तु दुर्लभ नहीं है।
 
10. जिसके मन में किसी के भी प्रति राग-द्वेष नहीं है तथा जिसने तृष्णा को त्याग कर शील और संतोष ग्रहण कर रखा हैं, वे संत पुरुष जगत के लिए जहाज समान है।

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