अनुग्रहार्थं स्वस्यातिसर्गो दानम्।
अनुग्रह के लिए अपनी वस्तु के त्याग करने का नाम है दान।
क्षेत्र और वास्तु के परिमाण का अतिक्रम- क्षेत्र यानी खेती लायक जमीन। वास्तु यानी रहने लायक मकान आदि।...
स्तेनप्रयोग- किसी को चोरी के लिए उकसाना, दूसरे आदमी द्वारा उकसाना। चोरी के काम में सम्मति देना।
स्त...
रहस्याभ्याख्यान- विनोद के लिए पति-पत्नी को या स्नेहियों को एक-दूसरे से अलग कर देना। किसी के सामने दू...
हिंसा से, असत्य से, चोरी से, कुशील से और परिग्रह से विरत होने का नाम है- व्रत।
थोड़े अंश में इनसे वि...
सम्यक्दर्शन- जिस गुण के विकास से सत्य की प्रतीति हो या जिससे आत्मस्वरूप के प्रति श्रद्धा और अभिरुचि...
क्षमा- सहनशीलता। क्रोध को पैदा न होने देना। क्रोध पैदा हो ही जाए तो अपने विवेक से, नम्रता से उसे विफ...
उमास्वाति रचित 'तत्त्वार्थसूत्र' या मोक्षशास्त्र सभी सम्प्रदायों में मान्य जैन धर्म का प्रसिद्ध सिद्...
त्वामव्ययं विभुमचिन्त्यमसंख्यमाद्यं ब्रह्माणमीश्वरमनंतमनंगकेतुम् ।
योगीश्वरं विदित-योगमनेकमेकं ज्ञा...
भक्तामर-स्तोत्र के विभिन्न मंत्रों की लिंक यहाँ दी गई हैं। आपको जिस मंत्र का जाप करना है उसकी लिंक प
सारा दिन दुनियादारी के द्वंद्वों में गुजरता है। कदम-कदम पर न जाने कितने रूप हम रचाते हैं... कितने ना...
हे शंखेश्वर स्वामी, प्रभु जग अंतरयामि ।
तमने वंदन करीये, शिवसुखना स्वामी ॥हे शंखेश्वर...॥
नवकार मंत्र है महामंत्र, इस मंत्र की महिमा भारी है।
आगम में कही, गुरुवर से सुनी, अनुभव में जिसे उतार
दीवो रे दीवो प्रभु मंगलिक दीवो,
आरती उतारीने बहु चिरंजीवो, दीवो... ॥1॥
जय जय आरती आदि जिणंदा, नाभिराया मरुदेवी को नन्दाः।
पहेली आरती पूजा कीजे, नरभव पामीने लाहो लीजे, जय..
त्वामामनन्ति मुनयः परमं पुमांसमादित्य-वर्णममलं तमसः पुरस्तात् ।
त्वामेव सम्यगुपलभ्य जयन्ति मृत्युं ...
स्त्रीणां शतानि शतशो जनयन्ति पुत्रान् नान्या सुतं त्वदुपमं जननी प्रसूता ।
सर्वादिशो दधति भानि सहस्र...
नवकार मंत्र है महामंत्र, इस मंत्र की महिमा भारी है।
आगम में कही, गुरुवर से सुनी, अनुभव में जिसे उतार
तेरे में ज्ञान की जो झिलमिल ज्योति है... वह और किसी अन्य देव-देवी में तो मिलेगी भी कैसे? सच्चे मणि ...
तेरे चेहरे रूपी चंद्रमा का उजाला अँधेरे को निगल जाता है, फिर रात के उस चाँद और दिन के सूरज से मुझे ...