पाठक ने बताया कि इंदौर की 16 वर्षीय लड़की की शादी गुना जिले के 20 साल के लड़के से तय की गई थी और वहां से बारात 12 मई को इंदौर आने वाली थी। उन्होंने बताया कि बाल विवाह की सूचना पर प्रशासन का दल लड़की के इंदौर स्थित घर पहुंचा। उन्होंने बताया कि कानूनी कदम उठाने की चेतावनी दिए जाने पर लड़की के परिजन बाल विवाह रोकने को राजी हो गए।
गौरतलब है कि देश में 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के और 18 साल से कम आयु की लड़की की शादी बाल विवाह की श्रेणी में आती है जो कानूनन अपराध है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत दोषी को दो वर्ष तक के सश्रम कारावास अथवा एक लाख रुपये तक के जुर्माने या दोनों सजाओं का प्रावधान है। पाठक ने बताया,हमने लड़के के बाल विवाह के बारे में गुना के प्रशासन को सूचना देकर उचित कदम उठाने की गुजारिश की है।