रिकवरी एजेंट से परेशान युवती ने काटी नस, तड़पकर हुई मौत, दूसरे केस में 17 साल की टॉपर ने लगाई फांसी

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

गुरुवार, 15 मई 2025 (13:23 IST)
इंदौर में आज फिर एक होनहार लड़की ने आत्‍महत्‍या कर ली। लड़की पढने में होशियार थी और हमेशा टॉप करती थी। हालांकि आत्‍महत्‍या की वजह अब तक सामने नहीं आ सकी है। लेकिन होनहार बेटी के सुसाइड घरवाले सदमे में हैं। दूसरी घटना में एक युवती ने रिकवरी एजेंटों से परेशान होकर सुसाइड कर लिया। उसने हाथ की नस काट ली। उसकी मौत हो गई।

दोनों मामलों में पुलिस जांच कर रही है। एक मामला इंदौर की सिलिकॉन सिटी फर्स्ट ब्लॉक का है यहां गुरुवार तड़के गंभीर रूप से घायल मिली युवती की पहचान शालू पिता परमानंद गांधीनगर भोपाल निवासी के रूप में हुई है। 27 वर्षीय शालू एक्सिस बैंक में एजेंट थी और कर्ज ज्यादा होने के कारण परेशान थी। ऐसे में रिकवरी एजेंटों के दबाव की वजह से उसने यह कदम उठाया।

बीई की छात्रा ने किया सुसाइड : घटना इंदौर के हीरानगर क्षेत्र की है। यहां बीई फर्स्ट ईयर की 17 वर्षीय छात्रा प्रीति चौहान ने बुधवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बता दें कि घटना के वक्त वह घर में अकेली थी। हीरानगर पुलिस ने घटनास्थल से प्रीति का मोबाइल और बैग जब्त कर लिया है। मौके से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है, लेकिन मोबाइल की जांच से कुछ अहम सुराग मिलने की संभावना जताई गई है। पिता नरेश चौहान का कहना है कि बेटी कुछ समय से पढ़ाई को लेकर तनाव में थी, लेकिन कभी यह अंदेशा नहीं हुआ कि वह ऐसा कठोर कदम उठा लेगी।

बुआ ने सबसे पहले देखा तो : प्रीति चौहान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना के वक्त वह घर में अकेली थी। शाम के समय बारिश के दौरान बिजली गुल हो गई, तो सामने रहने वाली बुआ बाहर आईं। जब उन्होंने भतीजी को बाहर न देख आवाज लगाई और कोई जवाब नहीं मिला, तो वह घर के अंदर गईं। अंदर का नज़ारा देखकर उनके होश उड़ गए, प्रीति फंदे पर लटकी हुई थी।

अफसर बनने का सपना रह गया अधूरा : पुलिस के मुताबिक प्रीति चौहान हीरानगर के जाम का बगीचा इलाके में अपने परिवार के साथ रहती थी और मालवा इंस्टीट्यूट से बीई फर्स्ट ईयर की पढ़ाई कर रही थी। परिजनों ने बताया कि वह पढ़ाई में बहुत होशियार थी और क्लास में हमेशा टॉप करती थी। उसका सपना था कि वह अफसर बने और एक दिन लालबत्ती वाली गाड़ी में घर लौटे। हाल ही में उसने एक सेमेस्टर का पेपर दिया था जिसमें अच्छे अंक प्राप्त हुए थे।

घर में अकेली थी प्रीति : बता दें कि घटना के समय प्रीति के पिता नरेश चौहान जो बड़े वाहनों की बॉडी बनाने का कार्य करते हैं, अपने काम पर थे। बड़ी बहन नौकरी पर गई हुई थी, जबकि मां, छोटा भाई और बहन सिहोर जिले के इसरपुर स्थित रिश्तेदारों के यहां गए हुए थे। प्रीति घर में पूरी तरह अकेली थी। परिवार मूलतः भोपाल मंडी से है और करीब एक साल पहले ही इंदौर शिफ्ट हुआ था।
Edited By: Navin Rangiyal

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