अपनी मांगों को लेकर एकजुट हुईं 2 हजार आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, कहा जब तक मांग नहीं, तब तक काम नहीं
मंगलवार, 24 जनवरी 2023 (16:39 IST)
- ईशु शर्मा इंदौर, किसी के चेहरे पर उदासी छाई हुई थी तो किसी की आंखों में एक उम्मीद झलक रही थी। यह उम्मीद इस बात की कि शासन उनकी मांगों को अनसुना नहीं करेगा और मायूसी इस बात की कि कई साल बीत जाने के बाद भी उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जा रहा है। यह दृश्य था इंदौर के कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने मंगलवार को एकजुट हुईं हजारों आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का।
दरअसल, महिला एवं बाल विकास विभाग की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने सम्वद्ध भारतीय मजदूर संघ द्वारा मंगलवार को कलेक्टर ऑफिस के सामने चरणवद्ध आंदोलन का प्रदर्शन किया। इस आंदोलन में महिला एवं बाल विकास विभाग की करीब 2 हजार से ज्यादा कार्यकर्ताएं शामिल हुईं।
मध्यप्रदेश आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की जिला सचिव कविता शिंदे ने बताया कि हम तब तक हड़ताल पर रहेंगे जब तक हमारी मांगों को पूरा नहीं किया जाता। संघ के अनुसार ये ताला बंद हड़ताल 23 से 28 जनवरी तक जारी रहेगी। कार्यकर्ताओं की वेतन में वृद्धि, पेंशन और स्थायी कर्मचारी जैसी मांगें हैं, जिनके लिए उन्हें काफी लंबे समय तक इंतज़ार करना पड़ रहा है।
सालों बाद भी नहीं मिली राशि
मध्यप्रदेश आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की जिला अध्यक्ष राजकुमारी गोयल ने वेबदुनिया को बताया-- साल 2018 में माननीय मुख्यमंत्री ने सभी आंगनवाड़ी कार्यक्रतों को रिटायर होने के बाद 1 लाख रूपए और सहायिकाओं को 75,000 रूपए की राशि प्रदान करने की घोषणा की गई थी, लेकिन अब तक हमारे किसी भी रिटायर कार्यकर्ता या सहायिका को कोई भी राशि प्राप्त नहीं हुई है। इसके साथ ही महिला एवं बाल विकास विभाग में होने के बाबजूद हमसे निर्वाचन विभाग, स्वास्थ विभाग, खाद्य विभाग और नगर निगम के कार्य भी करवाए जा रहे हैं। इतना काम करवाने के बाद भी हमें स्थायी सरकारी कार्यकर्ता का दर्जा प्राप्त नहीं हुआ है
क्या घोषणा की थी सीएम ने?
आपको बता दें की 8 अप्रैल, 2018 को मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल की एक कार्यशाला में संबोधित किया था कि 62 वर्ष की आयु से अधिक रिटायर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को 1 लाख की राशि प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही हर कार्यकर्ता को 2 लाख रुपए की वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाएगी। कार्यकर्ताओं के अनुसार उन्हें कोई भी बीमा राशि प्रदान नहीं की गई है। इस आंदोलन की वजह से आंगनवाड़ी के साथ ही टीकाकरण, बच्चों के पोषण आहार और लाड़ली लक्ष्मी जैसी कई योजनाएं प्रभावित हो रही है।
edited by navin rangiyal