58वें महाराष्ट्र राज्य नाट्य स्पर्धा का हुआ आगाज

गुरुवार, 13 दिसंबर 2018 (10:43 IST)
जलगांव। 15 नवंबर से जलगांव व अमरावती सहित पूरे प्रदेश में कई स्थानों पर प्राथमिक फेरी के नाटक हुए। महाराष्ट्र सरकार द्वारा आयोजित 58वें महाराष्ट्र राज्य नाट्य स्पर्धा में भाग लेने न केवल राज्य से बल्कि पूरे देश से नाटकों के समूह जाते हैं। वैसे तो ये प्रतियोगिता दो भागों में बंटी है- हौशि नाट्य स्पर्धा एवं व्यावसायिक नाट्य स्पर्धा। महाराष्ट्र के सांस्कृतिक कार्य एवं कला विभाग के मंत्री विनोद तावड़े ने नाट्य स्पर्धा को हरी झंडी दिखाई।
 
 
प्रत्येक स्पर्धा दो चरणों में बंटी होती है, प्रथम- प्राथमिक फेरी जिसमें अलग-अलग 20 केंद्रों पर जाकर नाटक मंचित किए जाते हैं और उन केंद्रों पर प्रथम आने वाले दो नाटक अंतिम फेरी के लिए भेजे जाते हैं। 
अंतिम फेरी में महाराष्ट्रभर से आए 40 नाटकों में से प्रथम 3 नाटकों को सम्मानित किया जाता है। सम्मान में प्रमाण पत्र, पदक एवं धनराशि से विजेताओं को सम्मानित किया जाता है। दर्शकों के लिए ये सभी अच्छे एवं नए-नए विषयों पर रोमांचित कर देने वाले नाटक देखने के लिए मात्र 10 और 15 रुपए के टिकट रखे गए हैं।
 
जलगांव, अमरावती, नांदेड़ और नासिक जैसे लगभग 20 शहरों में प्राथमिक फेरी के नाटकों को खेला गया, वहीं आंतिम फेरी के लिए केंद्र की घोषणा अभी तक नहीं हुई है। इस वर्ष भी हमारे इंदौर से कई नाटक समूह अपने-अपने नाटकों को लेकर राज्य नाट्य स्पर्धा में गए और अपनी कला का लोहा मनवाकर लौटे हैं।
 
इंदौर से गए सारे नाटक समूहों ने जलगांव केंद्र पर ही प्रस्तुति दी। अब प्राथमिक फेरी के नाटकों के परिणाम आए हैं। इंदौर के कलाकार पंकज वागले ने कोर्ट मार्शल (संस्था सारस्वत ब्रह्म समूह एवं दिग्दर्शक पंकज वागले) और शुर्तिका जोग कलमकर ने 'तीरथ में तो सब पानी है' (संस्था नाट्य भारती एवं दिग्दर्शक श्रीराम जोग) नाटक के लिए अभिनय में प्रथम पुरस्कार प्राप्त किए और अनिरुद्ध किरकरे ने 'तीरथ में तो सब पानी है' के नैपथ्य के लिए दूसरा पुरस्कार प्राप्त किया।

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