जिम्मी मगिलिगन सेंटर पर 'वायु प्रदूषण को मात' पर बात
31 मई, 2019 को जिम्मी मगिलिगन सेंटर फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट, सनावदिया पर साप्ताहिक पर्यावरणीय संवाद का शुभारंभ मुख्य अतिथि प्रख्यात भारतीय शास्त्रीय गायिका कलापिनी कोमकली के संगीत "स्वच्छ वायु" के साथ हुआ।
सेंटर की डायरेक्टर डॉ. जनक पलटा मगिलिगन के अनुसार संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यू एन इ पी ) ने इस वर्ष “विश्व पर्यावरण दिवस 2019 "बीट एयर पॉल्यूशन "वायु प्रदूष्ण को मात”विषय घोषित किया है। वर्ष 1992 में प्रथ्वी सम्मेलन में भाग लेने के बाद हर साल इस विषय को लेकर आज तक विश्व पर्यावरण दिवस पर लोगों को शामिल कर पर्यावरण संरक्षण करने में प्रयासरत है।
हर साल की तरह इस बार जिम्मी मगिलिगन सेंटर पर पर्यावरण संवाद सप्ताह 31 मई से 5 जून तक चलेगा, हर दिन सभी आयु वर्ग के लोगों को जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के जवाब में पर्यावरण समाधान हेतु, सरकार, निजी और गैर सरकारी संगठनों और शैक्षिक संस्थानों, सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ सहयोग करने और सक्रिय रूप से शामिल होने के लिए यह संवाद का अयोजन रखा गया।
31 मई 2019 को इस अवसर पर सम्मानिय अतिथि पर्यावरणविद् पद्म श्री भालु मोंधे, देव वासुदेवन स्मिता भारद्वाज आईएएस, आर्यमा सान्याल निदेशक हवाई अड्डा इंदौर प्राधिकरण, भारतीय शास्त्रीय गायक भुवनेश कोमकली व अम्बरीश केला उपस्थित रहे। जून 1 से 5 तक प्रतिदिन शहर व गाँव के लोग पर्यावरण संवाद मे आपसी विचार विमर्श करेंगे।
खास बात यह है कि हर दिन “वायु प्रदूष्ण को मात " से जुड़ा कोई ऐसा विषय चर्चा के लिए रखा जाएगा, जो मानव जीवन, पशु-पक्षी, वनस्पति, मिट्टी, पानी,खेती, यातायात, सामान्य जीवन के लिए खतरा बन चुका है। वायु प्रदूषण से कैसे मुक्त होकर स्वस्थ व सुरक्षित रह सकें इसे समझाने के अभियान को आगे बढ़ाने का आह्वान किया जाएगा।
इस दिशा में लोगों को जिम्मेदार और जागरूक कैसे बनाया जाए इस संवाद सप्ताह आयोजन में शहर के पर्यावरण प्रेमी शामिल हुए। स्थानीय प्रतिभागी प्रतिदिन अपने घर से बना शुद्ध सात्विक देसी भोजन लेकर आए और सेंटर पर मिलजुल कर साझा किए। ना सिर्फ अपना भोजन बल्कि प्लास्टिक मुक्त कर वायु प्रदुषण कम कर देश के लिए अपने सुझाव, विचार, योजनाएं, क्रिया कलाप, अनुभव और संकल्पों का भी आदान प्रदान हुआ।
खास बात यह रही कि सभी ने अपना भोजन इस अंदाज किया कि कोई भी कचरा, किसी भी तरह का हानिकारक अपशिष्ट या प्लास्टिक भोजन के बाद शेष ना रहा। वास्तव में यह प्रतिभागियों को अपशिष्ट मुक्त जीवन शैली को अपनाने, ऑर्गेनिक भोजन और ऊर्जा के नवीन सौर स्रोतों के उपयोग के लिए प्रेरित करने की सार्थक पहल रही।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से अम्बरीश केला,जयश्री सिक्का,ओ पी जोशी, भालु मोंधे, देव वासुदेवन स्मिता भारद्वाज आईएएस, आर्यमा सान्याल, असद वारसी, टीम स्वाहा, किशोर कोडवाणी ,दिलीप चिंचालकर अरुण डिके, कर्नल अनुराग शुक्ला, डॉ गुरमीत सिंह नारंग, प्रेम जोशी, समीर शर्मा, ओमप्रकाश गोएल, वीरेन्द्र मेहरोत्रा, निक्कीसुरेखा गोविन्द महेश्वरी अपराजिता भदोरिया देवल वर्मा व वरुण रहेजा अन्य पर्यावरणविद उपस्थित रहे।