इससे पहले नायडू शुक्रवार को दिल्ली आए थे, जहां उन्होंने राहुल, पवार, लोकतांत्रिक जनता दल के नेता शरद यादव और भाकपा के नेताओं के साथ मुलाकात की थी। इसके बाद वे लखनऊ पहुंचे, जहां उन्होंने सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती से भी मुलाकात की।
रविवार की मुलाकात को इसलिए अहम माना जा रहा है, क्योंकि नायडू ने सपा और बसपा प्रमुखों से मुलाकात के बाद राहुल और पवार से दोबारा मुलाकात की है। सपा, बसपा अभी तक खुलकर विपक्षी गठबंधन के पक्ष में नहीं आए हैं। नायडू यह प्रयास इसलिए कर रहे हैं ताकि राजग के बहुमत के आकंड़े तक नहीं पहुंचने की सूरत में गैर राजग दलों को एक मंच पर लाकर अगली सरकार के गठन का दावा पेश किया जा सके।
तेदेपा प्रमुख नायडू इससे पहले भी विपक्ष के विभिन्न नेताओं के साथ कई दौर की बातचीत कर चुके हैं। इनमें तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी, आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी शामिल हैं। नायडू की तेदेपा भी पहले राजग का हिस्सा थी, लेकिन कुछ महीने पहले उसने गठबंधन छोड़ दिया था। कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दलों को अगली सरकार बनाने का पूरा भरोसा है। (भाषा)