त्रिपाठी ने बताया कि शाक्य के बैंक खाते में साइबर ठगी के 15 लाख रुपए भेजे गए थे जिनमें से 10 लाख रुपए निकाल लिए गए थे। उन्होंने बताया कि शाक्य से पूछताछ में 3 अन्य आरोपियों की पहचान हुई, जो साइबर ठगी गिरोह को कमीशन के आधार पर बैंक खाते मुहैया कराने में कथित तौर पर शामिल हैं।
डिजिटल अरेस्ट साइबर ठगी का नया तरीका है। हालांकि डिजिटल अरेस्ट जैसी किसी प्रक्रिया का हकीकत में कोई कानूनी वजूद नहीं होता। ऐसे मामलों में ठग खुद को कानून प्रवर्तन अधिकारी बताकर लोगों को ऑडियो या वीडियो कॉल करके डराते हैं और उन्हें गिरफ्तारी का झांसा देकर उनके ही घर में डिजिटल तौर पर बंधक बना लेते हैं।(भाषा)