डॉग को सड़कों से हटाकर शेल्टर हाउस में भेजेने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का देशभर में विरोध हो रहा है। सेलिब्रेटी से लेकर आम लोगों तक डॉग के पक्ष में विरोध कर रहे हैं और सुप्रीम कोर्ट से अपना आदेश वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
इंदौर में यह प्रोटेस्ट बिल्कुल अलग अंदाज में किया गया। यहां हाथों में तख्तियां और जबान पर डॉग को बचाने की गुहार के साथ हजारों लोग सड़कों पर उतरे। उन्होंने नारा दिया कि जो बेजुबानों को बचाएगा, हमारा वोट पाएगा। उन्होंने साफ साफ कहा कि जो भी सरकार बेजुबान जीवों को बचाने में हमारी मदद करेगी, उसे हमारा वोट मिलेगा।
बता दें कि दिल्ली में लगातार डॉग लवर्स प्रदर्शन कर कोर्ट से अपील कर रहे हैं कि स्ट्रीट डॉग्स को शेल्टर हाउस न भेजा जाए। इसी तर्ज पर इंदौर में 15 अगस्त को पलासिया स्क्वैयर पर शहर के डॉग लवर्स ने प्रदर्शन किया। इसमें हजारों डॉग लवर्स, आम नागरिक और एनिमल एक्टिविस्ट शामिल हुए।
वैक्सिनेशन में विफल रहे प्रशासन : डॉग के अधिकारों के लिए लडने वाले और एनिमल लवर मल्खान सिंह ने वेबदुनिया को बताया कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश से कुत्तों की समस्या हल नहीं होगी, कोर्ट को अन्य विकल्पों पर विचार करना चाहिए। उन्होंने बताया कि डॉग सोसायटी का हिस्सा है, उन्हें शेल्टर हाउस में भेजने से उनका जीवन नर्क हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हकीकत यह है कि प्रशासन कुत्तों के वैक्सिनेशन में पूरी तरह से विफल रहा है। उनका सही तरीके से वैक्सिनेशन हो, और उन्हें खाने की व्यवस्था हो तो कोई भी डॉग इंसानों के बेहतरीन दोस्त और कंपेनियन साबित होंगे। उन्होंने कहा कि जब तक इन बेजुबानों के पक्ष में फैसला नहीं आ जाता तब तक यह प्रोटेस्ट जारी रहेगा।
अनिता गुप्ता, पूजा बोरासी, रिशिका, अर्पित कुमावत, अनिता शर्मा, अभिषेक यादव और भाग्यश्री आदि डॉग लवर्स और बेजुबानों के अधिकारों के लिए लड़ने वाले नागरिकों ने बताया कि यह कुत्तों के साथ किया जा रहा बहुत बड़ा अन्याय है। डॉग्स इंसानों के सबसे अच्छे और खास दोस्त हैं। पशुप्रेमियों ने इस दौरान नारेबाजी भी की और वे अपने साथ पोस्टर्स बनाकर भी लाए थे। इंदौर शहर को डॉग्स के प्रति जागरूक करने और सरकार से डॉग रूल 2023 को लागू कराने के लिए इसका आयोजन किया गया। "आई लव इंदौर" पॉइंट (पलासिया) पर हुए इस आयोजन में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। सुबह 11 बजे शुरू हुई यह सभा दोपहर 1 बजे तक चलती रही और इसमें लोगों ने सड़कों पर बैनर और पोस्टर लेकर प्रदर्शन भी किया।
हजारों हस्ताक्षर पहुंचाएंगे राष्ट्रपति तक : उन्होंने कहा कि हम इस प्रोटेस्ट के जरिये अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। इस कार्यक्रम के दौरान लोगों से उनकी राय लेकर उनके हस्ताक्षर लिए गए जिन्हें अब महामहिम राष्ट्रपति एवं चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को भेजा जाएगा। कम्युनिटी एनिमल्स के हित में पोस्टर बैनर लगाकर और पर्चे बांटकर लोगों को समाज और धर्म में जीवों की उपयोगिता बताई गई।
आजीवन सजा सुना दी गई : सुप्रीम कोर्ट द्वारा 79 स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली के कम्युनिटी डॉग्स को अजीवन कारावास की सजा सुना दी गई है। उसकी अपील के समर्थन में माननीय सुप्रीम कोर्ट से हम अनुरोध कर रहे हैं। यह आयोजन किसी संस्था संगठन द्वारा नहीं किया गया बल्कि इंदौर के आम एनिमल लवर्स द्वारा राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस पर जीवहित में लोगों को जोड़ने एवं जागरूक करने के लिए किया गया है।
इस वजह से होते हैं हिंसक : डॉग लवर मनीषा गोस्वामी ने बताया कि आए दिन कुत्तों के प्रति हिंसा, उनके साथ दुर्व्यवहार और दुत्कारने की वजह से उन पर मनोवैज्ञानिक असर हुआ है। ऐसे में खाना भी नहीं मिलता है तो वे कई बार हिंसक हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि 50 लोग उनके साथ दुर्व्यवहार करते हैं ऐसे में कुत्ते इंसानों पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं। नतीजा यह होता है कि अच्छे इरादे से उनके पास जाने वाले को भी वे काट लेते हैं।
शहरों से हटाना कोई हल नहीं : प्रियंका बुधोलिया ने बताया कि हमारी डॉग लवर कम्यूनिटी कोर्ट के आदेश से पूरी तरह से असहमत है, कुत्तों की समस्या से ऐसे नहीं निपटा जा सकता। अगर दिल्ली से कुत्ते हटा लिए गए तो 3 लाख कुत्ते पास के गाजियाबाद से दिल्ली में आ जाएंगे और यह सिलसिला चलता रहेगा। उन्हें शहरों से हटा देना कोई समाधान नहीं है। कुल मिलाकर दिल्ली से लेकर इंदौर, भोपाल, जबलपुर, लखनऊ, बैंगलोर समेत कई राज्यों के शहरों में सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लेकर लोगों में गुस्सा है और प्रदर्शन किए जा रहे है।
क्या है सुप्रीम कोर्ट का आदेश : बता दें कि हाल ही में मुंबई में कबूतरों को खतरा मानते हुए हाईकोर्ट ने उन्हें दाना डालने पर एफआईआर दर्ज करने का प्रावधान किया है— जबकि दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट ने कुत्तों को गंभीर समस्या मानते हुए उन्हें राजधानी की सड़कों से साफ करने का निर्देश दिया है। उन्हें शेल्टर हाउस भेजा जा रहा है, जहां पहले से ही बेहद खराब स्थिति है। सोशल मीडिया में एबीसी सेंटर्स यानी एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर की हालत को लेकर लोग वीडियो शेयर कर रहे हैं, जहां पहले ही कुत्ते बेहद खराब हालत में नारकीय जीवन जी रहे हैं। ऐसे में अगर लाखों कुत्तों को शहरों से बाहर किया गया तो उन्हें रहने खाने से लेकर उनकी देखभाल को लेकर कोई व्यवस्था हो सकेगी, इसकी उम्मीद किसी को भी नहीं है। शेल्टर हाउस और एबीसी सेंटरों में तो और ज्यादा हिंसक, बीमार और बेसहारा हो जाएंगे।
सेलिब्रेटी भी कर रहे विरोध : बता दें कि डॉग के अधिकारों के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मेनका गांधी, कपिल देव, जॉन अब्राहिम, भूमि पेडेनकर, जान्हवी कपूर, वरुण धवन समेत कई सेलिब्रेटीज और नागरिक सामने आ रहे हैं। इनका कहना है कि कुत्तों को शहरों से बेदखल करने की बजाए शहरों में ही उनके लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था तय की जाना चाहिए। कुत्तों के अधिकारों के लिए सोशल मीडिया में भी लगातार ट्रेंड चल रहा है।