साइबर फॉरेंसिक एवं साइबर सिक्योरिटी सर्टिफिकेट कोर्स का शुभारंभ

शुक्रवार, 10 फ़रवरी 2023 (12:29 IST)
इंदौर। शासकीय (आदर्श, स्वशासित) होलकर विज्ञान महाविद्यालय, इंदौर के तत्वावधान में उच्च शिक्षा विभाग भोपाल द्वारा स्वीकृति अनुसार प्राचार्य डॉ. सुरेश टी. सिलावट के मार्गदर्शन एवं फॉरेंसिक साइंस की विभागाध्यक्ष डॉ. गीता सरसन, सह विभागाध्यक्ष डॉ. प्रमिला कोरी के निर्देशन में फॉरेंसिक साइंस विभाग द्वारा 'साइबर फॉरेंसिक एवं साइबर सिक्‍योरिटी' विषय पर 6 माह के सर्टिफिकेट कोर्स का शुभारंभ किया गया, जिसके मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्तर के साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट प्रो. गौरव रावल थे। इस अवसर पर उप प्राचार्य डॉ. जीडी गुप्ता एवं प्रशासनिक अधिकारी डॉ. आरसी दीक्षित एवं फॉरेंसिक साइंस के समस्त प्राध्यापक गण तथा विद्यार्थी भी उपस्थित थे।
 
कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर प्राचार्य डॉ. सुरेश टी. सिलावट ने कोर्स के महत्व पर प्रकाश डाला एवं बताया की इस सर्टिफिकेट कोर्स करने से विध्यार्थियों के लिए रोजगार के अवसर खुल जाते हैं। प्रमाण पत्र के साथ ज्ञान प्राप्त करने के बाद छात्र निजी एजेंसी शुरू कर सकते हैं या विभिन्न संगठनों जैसे निजी और सरकारी क्षेत्रों, बैंकों, रक्षा प्रणालियों और ई-कॉमर्स वेबसाइटों (अमेज़ॅन, फ्लिपकार्ट, मिन्त्रा) और सोशल नेटवर्किंग वेबसाइटों (गूगल, फेसबुक, इंस्टाग्राम) में साइबर विशेषज्ञ के रूप में भी अपनी सेवा दे सकते हैं।

फॉरेंसिक साइंस विभाग की हेड डॉ. गीथा सरसन ने अपने स्वागत भाषण में बताया की उच्च शिक्षा विभाग भोपाल के स्वीकृति पत्र के अनुसार में इस छ: माही सर्टिफिकेट कोर्स का शुभारंभ किया जा रहा है जिसमें विज्ञान विषय के खासकर फोरेंसिक साइंस एवं कंप्यूटर साइंस के विद्यार्थियों व युवाओं को ध्यान में रखकर ऐसे विषयों का समावेश किया गया है जो की विद्यार्थियों के लिए रोजगार उन्मुखी होने के साथ-साथ उनके अन्य स्किल्स को भी उन्नत करेगा।
 
प्रो. रावल ने बताया कि कंप्यूटर फॉरेंसिक आने वाले समय में युवा विद्यार्थियों के लिए नवीन संभावनाओं के द्वार खोल सकता है। इस कोर्स में हमारा फोकस होगा कि विद्यार्थियों को बताएं कि साइबर फॉरेंसिक और साइबर सिक्योरिटी दो अलग-अलग चीजें हैं जिनके मिश्रण से युवा प्रोफेशनल किसी कॉरपोरेट में या किसी बैंकिंग सर्विसेस में या किसी हॉस्पिटल मैनेजमेंट के सर्वर को अच्छे से सुरक्षित रख सकते है या किसी कंपनी के नेटवर्क को प्रोटेक्ट कर सकते है।

मुख्य वक्ता प्रो. गौरव रावल ने बताया की मोबाइल फॉरेंसिक और उसके मूल सिद्धांतों और मोबाइल से जानकारी निकालने के टूल्स है जैसे एनमैप (Nmap) या नेक्सस (Nexus) के बारे में भी जानकारी दी जाएगी और मोबाइल इन्वेस्टिगेशन में सीम एनालिसिस एवं कॉल डिटेल्स रिकॉर्ड (CDR) एनालिसिस का भी नॉलेज दिया जाएगा।
 
आईपी ऐड्रेस ट्रेसिंग, ईमेल एनालिसिस व ओसिण्ट (OSINT) फ्रेमवर्क के उपयोग पर भी प्रकाश डाला जाएगा लोकेशन फाइंडिंग टूल आईपी ग्रैबर के बारे में भी जानकारी दी जाएगी, साथ ही प्रैक्टिकल नॉलेज के लिए पुलिस कंट्रोल रूम, क्राइम ब्रांच ऑफिस, के साथ पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज का भी विजिट का प्रावधान भी इस कोर्स में रखा गया है।
 
इस सर्टिफिकेट कोर्स को करने से विद्यार्थियों के लिए रोजगार के अवसर खुल जाते हैं। प्रमाण पत्र के साथ ज्ञान प्राप्त करने के बाद छात्र निजी एजेंसी शुरू कर सकते हैं या विभिन्न संगठनों जैसे निजी और सरकारी क्षेत्रों, बैंकों, रक्षा प्रणालियों और ई-कॉमर्स वेबसाइटों (अमेज़न, फ्लिपकार्ट, मिन्त्रा) और सोशल नेटवर्किंग वेबसाइटों (गूगल, फेसबुक, इंस्टाग्राम) में साइबर विशेषज्ञ के रूप में भी अपनी सेवा दे सकते हैं।
 

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