उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा,मैंने अपने बेहतरीन प्रदर्शन की कोशिश की। मैं अगर थोड़ा वजन और उठा लेता, तो रजत पदक जीत सकता था। अगली बार मैं बेहतर तैयारी के साथ खेलूंगा।
कालभोर ने बताया कि उनका परिवार महाराष्ट्र के पुणे के पास ग्रामीण इलाके में खेती करता है और सब्जियां उगा कर बेचता है। उन्होंने कहा,मैं पहले किक बॉक्सिंग खेलता था। मेरे चाचा ने मुझे भारोत्तोलन के लिए प्रेरित किया।
खेलो इंडिया युवा खेलों में महाराष्ट्र के इस नौजवान खिलाड़ी का हौसला बढ़ाने उनके दादा तुकाराम मारुति कालभोर भी इंदौर पहुंचे थे।कालभोर की कामयाबी को लेकर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर उनके गदगद दादा ने कहा,आप हमारे चेहरे की हंसी देखिए। हम सब बहुत खुश हैं। शुभम हमारे पूरे परिवार का पहला खिलाड़ी है जो इस मुकाम पर पहुंचा है।
खेलो इंडिया युवा खेलों में लड़कों के 61 किलोग्राम भार वर्ग में अरुणाचल प्रदेश के शंकर लापुंग ने स्नैच और क्लीन एंड जर्क मिलाकर कुल 248 किलोग्राम वजन उठाकर स्वर्ण पदक जीता, जबकि असम के सिद्धांता गोगोई ने कुल 243 किलोग्राम वजन उठाकर रजत पदक अपने नाम किया।(भाषा)