Indore News: आमतौर पर दशहरे पर रावण दहन की परंपरा (Dussehra celebration) है, लेकिन इंदौर अब इस दिन कुछ नया करने जा रहा है। दशहरा यानी विजयादशमी के दिन इंदौर में रावण की बजाए उन पत्नियों का प्रतीकात्मक दहन किया जाएगा, जिन्होंने अपने पतियों की हत्याएं कीं। इस दहन में देशभर में पतियों की हत्याएं करने वाली आरोपी पत्नियों को शूर्पणखा (Shurpanakha) बनाकर प्रतीकात्मक तौर पर जलाया जाएगा।
इनमें इंदौर की सोनम रघुवंशी (Sonam Raghuvanshi) से लेकर मुस्कान रस्तोगी (Muskan Rastogi) तक जैसी आरोपी महिलाएं शामिल हैं। इंदौर के इस अनोखे प्रयोग की सोशल मीडिया में चर्चा हो रही है। यह काम इंदौर की 'पौरुष' नामक संस्था करेगी जो पुरुष अधिकार के लिए काम करती है। संगठन रावण के स्थान पर उसकी बहन शूर्पणखा के पुतले का दहन करेगा।
2 अक्टूबर को विजयादशमी का पर्व मनाया जाएगा। कई सालों से चली आ रही रावण दहन की परंपरा से अलग इस बार इंदौर में शूर्पणखा और उसकी सेना के पुतलों का दहन किया जाएगा। पुरुषों के अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था पौरुष यह काम करेगी। इस फैसले के बाद समाज में एक नई बहस चल पडी है।
ढोल-नगाड़ों के साथ निकलेगा जुलूस : आयोजन समिति के अनुसार पुतला दहन से पहले शूर्पणखा और उसकी सेना के पुतलों का एक विशाल जुलूस पूरे शहर में निकाला जाएगा। ढोल-नगाड़ों के साथ यह जुलूस विभिन्न मार्गों से होता हुआ दम्मा लक्ष्मी नगर मेला ग्राउंड पहुंचेगा, जहां पुतलों का दहन किया जाएगा। इस आयोजन के प्रचार-प्रसार के लिए ऑटो रिक्शा और अन्य वाहनों पर बैनर लगाए गए हैं और ऑडियो अनाउंसमेंट के माध्यम से भी लोगों को जानकारी दी जा रही है।
शूर्पणखा का दहन क्यों : पौरुष संस्था के अध्यक्ष अशोक दशोरा ने बताया कि कई युगों से महिलाओं द्वारा किए गए अपराधों का दंड पुरुषों को भुगतना पड़ा है। आज भी समाज में यही हो रहा है, जहां महिला के दोषी होने पर भी सामाजिक और कानूनी तौर पर पुरुष को ही प्रताड़ित किया जाता है। उन्होंने त्रेतायुग का उदाहरण देते हुए कहा कि शूर्पणखा के अनैतिक प्रस्ताव के कारण ही राम-रावण युद्ध हुआ, जिसमें लाखों निर्दोषों की जान गई। इसी प्रकार, द्वापर युग में द्रौपदी के कटु वचनों को महाभारत का एक प्रमुख कारण माना जाता है। दशोरा का तर्क है कि एक ज्ञानी और शक्तिशाली राजा होने के बावजूद रावण अपनी बहन के बहकावे में आकर युद्ध के लिए विवश हुआ और मारा गया।
कानून का दुरुपयोग कर रही महिलाएं : संस्था के सदस्य अशोक दशोरा ने बताया कि महिलाएं कानूनों के दुरुपयोग कर रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि आज के समय में अधिकांश कानून महिलाओं के पक्ष में हैं, जिसका फायदा उठाकर कुछ पढ़ी-लिखी महिलाएं झूठे मुकदमे दर्ज कर अपने पतियों और उनके परिवारों को प्रताड़ित कर रही हैं। इस प्रताड़ना के कारण कई पुरुष आत्महत्या जैसा गंभीर कदम उठाने पर मजबूर हो रहे हैं। इस आयोजन में राजा रघुवंशी हत्याकांड के पीड़ित परिवार सहित रघुवंशी समाज के लोग भी शामिल होकर अपना समर्थन देंगे। यह कार्यक्रम पुरुषों के खिलाफ हो रहे अन्याय को उजागर करने और सामाजिक सोच में बदलाव लाने का एक प्रतीक होगा।
देशभर की आरोपी पत्नियों का होगा दहन : इस आयोजन में इंदौर की सोनम रघुवंशी और आगरा की मुस्कान रस्तोगी समेत देशभर में पतियों की हत्या की आरोपी पत्नियों के पुतले बनाकर उनका दहन किया जाएगा। इंदौर की इस संस्था की इस पहल के बाद शहर में इसे लेकर बहस चल पडी है।
Edited By: Navin Rangiyal