1 वर्ष तक का कारावास और 5,000 रुपए तक का जुर्माना होगा : अधिकारियों ने बताया कि आदेश के उल्लंघन पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। इस कानूनी प्रावधान के तहत दोषी को 1 वर्ष तक के कारावास या 5,000 रुपए तक के जुर्माने या दोनों सजाओं से दण्डित किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि पिछले 4 महीनों के दौरान हमने लोगों को भिक्षावृत्ति के खिलाफ जागरूक करने के लिए अलग-अलग अभियान चलाए। अब भीख लेने वाले और भीख देने वाले दोनों ही तरह के लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने देश के 10 शहरों को भिक्षुकमुक्त बनाए जाने की प्रायोगिक (पायलट) परियोजना शुरू की है जिनमें इंदौर शामिल है।(भाषा)