इंदौर में भीख देने पर होगी कानूनी कार्रवाई, भिक्षावृत्ति की सूचना पर 1,000 रुपए का इनाम

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

शुक्रवार, 3 जनवरी 2025 (14:36 IST)
इंदौर (मध्यप्रदेश)। इंदौर को भिक्षावृत्ति से मुक्त करने की कोशिशों में जुटे प्रशासन (Administration) ने अब भीख (begging) देने और भिखारियों से कोई सामान खरीदने पर कानूनी रोक लगा दी है और इस प्रतिबंध के उल्लंघन पर कार्रवाई का प्रावधान किया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
 
अधिकारियों ने बताया कि जिलाधिकारी आशीष सिंह ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत जारी आदेश में कहा कि किसी भी प्रकार की भिक्षावृत्ति को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया जाता है। भिक्षुओं को भिक्षास्वरूप कुछ भी देना या उनसे किसी भी प्रकार का सामान खरीदना प्रतिबंधित किया जाता है।ALSO READ: 1 जनवरी से Indore में भीख दी तो खैर नहीं, दर्ज होगी FIR, कलेक्टर बोले- न बनें पाप के भागीदार
 
प्रतिबंधात्मक आदेश में कहा गया कि जो व्यक्ति भिखारियों को भिक्षास्वरूप कोई भी चीज देता या उनसे कोई सामान खरीदता पाया गया तो उसके खिलाफ भी इस आदेश के उल्लंघन पर कानूनी कदम उठाए जाएंगे।
 
1 वर्ष तक का कारावास और 5,000 रुपए तक का जुर्माना होगा : अधिकारियों ने बताया कि आदेश के उल्लंघन पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के तहत प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। इस कानूनी प्रावधान के तहत दोषी को 1 वर्ष तक के कारावास या 5,000 रुपए तक के जुर्माने या दोनों सजाओं से दण्डित किया जा सकता है।
 
अधिकारियों के मुताबिक प्रशासन के प्रतिबंधात्मक आदेश में भिक्षावृत्ति की सही सूचना देने वाले व्यक्ति को प्रोत्साहन राशि के रूप में 1,000 रुपए का इनाम देने की घोषणा भी की गई है।ALSO READ: Indore : महिला भिखारी की कमाई 75000 रुपए महीना, रेस्क्यू में नोटों की गड्डी देख भौंचक्की रह गई टीम
 
महिला और बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी दिनेश मिश्रा ने बताया कि शहर में गुजरे 4 महीनों के दौरान भिक्षावृत्ति में शामिल करीब 400 लोगों को पुनर्वास के लिए एक आश्रय स्थल भेजा गया है जबकि 64 बच्चों को बाल देखरेख संस्थान पहुंचाया गया है।ALSO READ: Pakistan के भिखारियों से परेशान UAE, 4300 को ECL लिस्ट में डाला, मक्का मस्जिद से गिरफ्तार 90% पॉकेटमार पाकिस्तानी
 
उन्होंने कहा कि पिछले 4 महीनों के दौरान हमने लोगों को भिक्षावृत्ति के खिलाफ जागरूक करने के लिए अलग-अलग अभियान चलाए। अब भीख लेने वाले और भीख देने वाले दोनों ही तरह के लोगों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने देश के 10 शहरों को भिक्षुकमुक्त बनाए जाने की प्रायोगिक (पायलट) परियोजना शुरू की है जिनमें इंदौर शामिल है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी