ऑपरेशन सिंदूर में भारत के सैन्य सामर्थ्य को विश्व ने देखा : लेफ्टिनेंट जनरल जसविंदर सिंह संघू

रविवार, 25 मई 2025 (20:15 IST)
विश्व को भारत के सामर्थ्य का अनुमान था, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर में उसे सभी देशों ने देख भी लिया। विश्व के देश भारत की नीतियों को प्रभावित करने का प्रयास करते हैं, लेकिन भारत की शक्ति को, भारत के सामर्थ्य को कम नहीं कर सकते हैं। आज भारत की सैन्य शक्ति देखकर दुनिया अचंभित है। भारतीय सैन्य शक्ति दुनिया की तीसरी बड़ी सैन्य शक्ति है, जिसकी शक्ति ऑपरेशन सिंदुर में विश्व ने देखी। पहलगाम हमला वास्तव में भारत को चुनौती थी, जिसका भारत ने करारा जवाब दिया। ऑपरेशन सिंदुर में भारत सौ प्रतिशत सफल रहा। युद्ध विराम भारत की कुटनीतिक विजय है। भारत कभी भी युद्ध नहीं चाहता है। भारत का लक्ष्य युद्ध नहीं, बल्कि 2047 तक विकसित भारत बनना है।

यह बात भारतीय सेना के पूर्व सैन्य सचिव एवं जम्मू कश्मीर के 15वीं कोर के पूर्व कमाण्डर लेफ्टिनेंट जनरल जसविंदर सिंह संघू ने कही। वे रविवार को देवर्षि नारद जयंती समारोह में "ऑपरेशन सिंदूर : भारत का सामर्थ्य" विषय पर सम्बोधित कर रहे थे। संघू ने कहा कि पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हमले किए। भारत का इरादा पाकिस्तान पर हमला करना नहीं था, लेकिन जब रात में ही पाकिस्तान की ओर से हमले हुए तो भारत को जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी। हमेशा की तरह आज भी भारत युद्ध नहीं चाहता, लेकिन दुश्मनों के हमलों का जवाब तो देना ही होगा।

आने वाले दिनों में भी यदि पाकिस्तान की ओर से हमले होते हैं, तो भारत युद्ध जारी रखेगा। भारत ने युद्ध को विराम दिया है, युद्ध बंद नहीं किया है। भारत के पास सैनिकों और हथियारों की कमी नहीं है। सिंघू ने कहा, भारत का उदेद्श्य 2047 तक भारत को विकसित देश बनाना है। युद्ध केवल सैन्य पंक्तियों से नहीं लड़े जाते हैं, बल्कि युद्ध के भी अलग-अलग तरीके होते हैं, जिसे देशहित में देखना होता है। भारत को आने वाले दिनों में अपनी अर्थव्यवस्था को, अपनी शक्ति को बढ़ाना है।

नई तकनीक को उन्नत करना है, ताकि भारत विश्व का सबसे शक्तिशाली देश बन सके। आज वह देश सबसे शक्तिशाली है, जिसने अर्थव्यवस्था और तकनीक में खुद को आगे रखा है। भारत का लक्ष्य भी विकास के मार्ग पर चलकर शक्तिशाली बनना है, न कि युद्ध करना। जो शक्तिशाली देश होगा, वही विजयी देश भी होगा। युद्ध के अलावा भी कई विकल्प हैं शक्तिशाली बनने के।

सिंघू ने कहा कि पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार हैं, लेकिन उसका उपयोग आसान नहीं है। पाकिस्तान जानता है कि यदि परमाणु शक्ति का उपयोग किया गया तो नुकसान उसका भी होगा। वह यह भी जानता है कि भारत भी परमाणु शक्तिसंपन्न देश है। पाकिस्तान, भारत की शक्ति को जानता है, इसलिए युद्ध की स्थिति में वह अमेरिका की ओर भागा। पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए सिंघू ने कहा कि पाकिस्तान के राजनीतिक नेतृत्व का दबाव सेना पर था, जिस कारण उसे पहलगाम जैसी घटना करनी पड़ी।

वास्तव में पाकिस्तान की सेना दबाव में थी। इसके साथ ही कई कारण थे, जिस कारण पाकिस्तान की सेना को पहलगाम में आतंकी हमला करना पड़ा। 370 हटने के बाद भी कश्मीर में हालात तेजी से सुधर रहे हैं। कश्मीर में पर्यटन से फायदा हो रहा है और वहां की अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार हो रहा है। यह बात पाकिस्तान को रास नहीं आ रही है। कश्मीर को लेकर भारत की नीति को असफल करने के लिए भी पहलगाम में आतंकी हमला किया गया। वास्तव में पाकिस्तान कश्मीर को कमजोर करना चाहता है।
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सिंघू ने कहा कि पाकिस्तान, भारत में हिन्दू-मुस्लिमों के बीच में दरार पैदा करना चाहता है, ताकि दोनों में समन्वय की कमी हो और अविश्वास की भावना पैदा हो। पाकिस्तान हमारी आन्तरिक स्थिति को कमजोर करना चाहता है। इसी को ध्यान में रखते हुए पहलगाम आतंकी हमला किया गया। कश्मीर में सुधर रहे हालात पाकिस्तान को अच्छे नहीं लग रहे हैं। भारत को लेकर पाकिस्तान की नीयत साफ नहीं है। सिंघू ने कड़े शब्दों ने चेतावनी दी कि यदि पाकिस्तान इसी रास्ते पर चलता रहा तो आने वाले समय में भारत भी कठोर कदम उठाएगा। भारत इससे भी ज्यादा शक्ति से इसका जवाब देगा।

पीओके पर भारत के कब्जे को लेकर सिंघू ने कहा कि पीओके पर कब्जे के लिए भारत हथियार और नीति स्तर पर सक्षम है। करगिल के बाद पहलगाम मामले में विश्व हमारी शक्ति को देख चुका है। हालांकि युद्ध के अलावा भी कई रास्ते हैं, जिससे किसी हिस्से को जीता जा सकता है। पीओके तो वैसे भी भारत का ही हिस्सा है। आने वाले समय में यह भी संभव है कि भारत को पीओके के लिए कुछ करना ही नहीं पड़े और पाकिस्तान खुद ही कई हिस्सो में टूट जाए।
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वास्तव में यह विचारधाराओं की लड़ाई है और पूरे पाकिस्तान को जीतने के लिए महाभारत होगा, लेकिन इसके लिए समय का इंतजार करना होगा। आपने कहा कि भारत के इतिहास को देखें तो पता चलता है कि भारत की टूट आंतरिक कारणों से हुई थी। आज भी हालात वहीं हैं। भारत को आंतरिक दुश्मनों को भी देखना होगा। बाहरी शक्तियां जितनी बड़ी हैं, उतनी ही बड़ी आंतरिक शक्तियां भी हैं।

भारत के युद्ध विराम पर सिंघू ने कहा, युद्ध विराम को कूटनीतिक दृष्टि से देखना होगा। युद्ध रोककर भारत कूटनीतिक स्तर पर विजयी हुआ है। सरकार का स्पष्ट कहना था कि कूटनीति केवल और केवल देशहित में ही होना चाहिए। ऑपरेशन सिंदूर में भारत की कूटनीति सफल रही। ऑपरेशन सिंदूर में महिला सैन्य अधिकारियों की भूमिका पर सिंघू ने कहा कि भारतीय सेना में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। समय के साथ सेना में महिलाओं की भूमिका बढ़ रही है, जिस पर गर्व किया जाना चाहिए।

30 मई 2025 को महिला सैन्य अधिकारियों की पूरी बैच का प्रशिक्षण पूरा हो रहा है। यह बैच भारत की पहली बैच होगी, जिसमें सभी अधिकारी महिलाएं ही हैं। आयोजन की सूत्रधार आकाशवाणी की वरिष्ठ उद्घोषिका श्रीमती सुधा शर्मा थीं। एसजीएसआईटीएस के गोल्डन जुबली आडिटोरियम में समारोह का आयोजन विश्व संवाद केंद्र, मालवा प्रांत, इंदौर प्रेस क्लब, रेनसां विश्वविद्यालय और पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययनशाला, देअविवि के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। दीप प्रज्ज्वलन और पंडित दीपक द्वारा नारद स्तृति के साथ कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। अतिथि परिचय मेजर सौरभ शर्मा ने दिया। आयोजन की प्रस्तावना प्रेस क्लब अध्यक्ष अरविंद तिवारी ने प्रस्तुत की।

इस अवसर पर विश्व संवाद केंद्र के अध्यक्ष दिनेश गुप्ता,इंदौर प्रेस क्लब अध्यक्ष अरविंद तिवारी, रेनसां समूह के स्वप्निल कोठारी,पत्रकारिता विभाग देअविव की प्रमुख श्रीमती सोनाली नरगुंदे ,एसजीएसआईटीएस के निदेशक नीतेश पुरोहित के साथ ही इंदौर के अनेक पत्रकार तथा समाज के प्रबुद्धजन उपस्थित थे।

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