Black Ribbon Initiative 'संकल्प' के तहत अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डॉ. वरुण कपूर द्वारा द विनर्स इंस्टीट्यूट, इंदौर में 'साइबर अपराध एवं साइबर सुरक्षा' विषय पर 660वीं कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें इंस्टीट्यूट के 362 छात्र-छात्राएं एवं 8 व्याख्यातागण सम्मिलित हुए।
इस कार्यशाला में इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर आदित्य पटेल, प्रबंधक मनोज मौर्य एवं विपिन ताले, ब्रांच मेनेजर प्रसून बर्वे, क्वालिटी मैनेजर अविनाश राठौर, फेकल्टी उन्नति जैन, असि. ब्रांच मैनेजर हिना सैनी एवं लाइव क्लास एसोसिएट निखिल हर्ले सम्मिलित हुए। कार्यशाला के प्रारंभ में डायरेक्टर आदित्य पटेल द्वारा डॉ. वरुण कपूर को पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया।
कार्यशाला में डॉ. कपूर द्वारा साइबर अपराध से बचाव के लिए सभी को साझा प्रयास करने का आव्हान करते हुए बताया कि साइबर अपराध एक वैश्विक समस्या है। इससे बचाव के लिए साइबर सुरक्षा अहम है। तकनीकी विकास के इस दौर में इसके आपराधिक एवं सुरक्षा के पहलुओं को समझना एवं समाधान निकालना जरूरी है। सायबर अपराधियों के हमलों से बचाव के लिए प्रत्येक व्यक्ति को जानकार के साथ ही जागरूक बनना होगा।
साइबर स्पेस का उपयोग करते समय हम गलती से गलती कर अपराधी बन सकते हैं। हमारे दैनंदिन के कार्यों में कंप्यूटर एवं स्मार्ट फोन का उपयोग आम हो गया है। ऐसे में खतरा हमेशा बना रहता है। हमारी जरा-सी असावधानी हमें साइबर अपराध की घटना का शिकार बना सकती। यह प्रौद्योगिकी वरदान होने के साथ ही इससे हमारे लिए कई खतरे भी हैं।
अपराधी वर्ग साइबर अपराध बुलिंग, स्टॉकिंग, फिशिंग एवं ग्रुमिंग आदि के माध्यमों से सायबर अपराध को अंजाम दे रहे हैं। सायबर अपराध से बचाव के लिए सुरक्षा मानदंडों को ध्यान में रखें। अनजान व्यक्ति की फ्रेंड रिक्वेस्ट को स्वीकार न करें। अनजान लिंक पर क्लिक न करें। अनजान विडियो कॉल स्वीकार न करें। किसी भी लालच/प्रलोभन से बचें। पिन नंबर एवं पासवर्ड किसी से भी साझा न करें। डॉ. कपूर इस अवसर पर साइबर अपराध से जुड़ी कई अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां प्रतिभागियों को दीं।
कार्यशाला में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले दो छात्रों क्रमशः अभय एवं संतोष को डॉ. कपूर ने प्रमाण-पत्र व गोल्डन बैज प्रदान कर सम्मानित किया। कार्यक्रम के अंत में आदित्य पटेल द्वारा वरुण कपूर को प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।सेमिनार के सफल संचालन में सहा. सेनानी श्रीमती नीति दंडोतिया, निरीक्षक श्रीमती पूनम राठौर एवं उनकी टीम के सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala