कैदियों को जाति-धर्म के आधार पर काम न सौंपे जाएं, गृह मंत्रालय ने राज्‍यों को दिए निर्देश

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
गुरुवार, 29 फ़रवरी 2024 (20:37 IST)
Home Ministry gave instructions to the states regarding prisoners : केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा है कि कैदियों को उनकी जाति और धर्म के आधार पर अलग नहीं किया जाए और उन्हें जेल की रसोई का काम संभालने जैसे कार्य देने में इस आधार पर भेदभाव बंद होना चाहिए। गृह मंत्रालय ने कहा कि कुछ राज्यों के जेल ‘मैनुअल’ में कैदियों को उनकी जाति और धर्म के आधार पर अलग-अलग रखने का उल्लेख है और उन्हें जेल में उसी आधार पर काम सौंपे जा रहे हैं।
ALSO READ: गृह मंत्रालय ने उठाया सख्‍त कदम, 100 से अधिक वेबसाइटें बंद कीं
गौरतलब है कि भारत का संविधान धर्म, नस्ल, जाति या जन्म स्थान के आधार पर किसी भी तरह के भेदभाव पर रोक लगाता है। गृह मंत्रालय द्वारा तैयार और मई 2016 में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को वितरित किए गए मॉडल जेल मैनुअल, 2016 में रसोई के प्रबंधन या भोजन पकाने में कैदियों के साथ जाति और धर्म-आधारित भेदभाव को स्पष्ट रूप से प्रतिबंधित किया गया है।
 
कैदियों के साथ विशेष व्यवहार पर सख्त पाबंदी : इसमें कहा गया, मैनुअल में यह भी उल्लेख है कि किसी जाति या धर्म विशेष के कैदियों के समूह के साथ विशेष व्यवहार पर सख्त पाबंदी है। गृह मंत्रालय ने कहा है कि यदि ऐसा कोई प्रावधान है तो मैनुअल अथवा कानून से भेदभाव वाले प्रावधानों को हटाने या संशोधन के लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour 

सम्बंधित जानकारी

अगला लेख