अमानक दवाइयों से मरीज की जान से खिलवाड़, डॉक्‍टरों ने किया विरोध, घोटाले के बाद भी नहीं जाग रही सरकार

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

शनिवार, 22 फ़रवरी 2025 (13:39 IST)
इंदौर में सरकारी अस्‍पतालों में दवाएं भेजे जाने के मामले में डॉक्‍टरों से चौंकाने वाला खुलासा किया है। डॉक्‍टरों ने खुलासा किया है कि सरकारी अस्‍पतालों में अमानक दवाएं (Substandard Medicines) भेजी जा रही हैं, जिसके चलते मरीजों की मौत हो रही हैं या फिर वे पूरी तरह से ठीक नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे में डॉक्‍टरों को दोष दिया जाता है। कई बार मरीज की मौत पर परिजन डॉक्‍टरों को निशाना बनाने लगते हैं। डॉक्‍टरों का कहना है कि बेअसर अमानक दवाओं के बारे में सरकार को अवगत कराने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

बता दें कि इन दिनों पूरे मध्य प्रदेश के सरकारी डॉक्टर्स (Sarkari Doctors) अपनी लंबित मांगों को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों (Hospitals) और चिकित्सा संस्थानों (Medical College) में डॉक्टर प्रतीकात्मक रूप से अमानक दवाइयों (Substandard Medicines) की होली जलाकर विरोध दर्ज करा रहे हैं। राजधानी भोपाल और आर्थिक राजधानी इंदौर में अस्पताल के बाहर अमानक दवाइयों की सांकेतिक होली जलाई गई। डॉक्टरों का कहना है कि सरकारी अस्पतालों में अमानक दवाइयों की सप्लाई से मरीजों और डॉक्टरों को परेशानी हो रही है।

घोटाले में कोई कार्रवाई नहीं : इसी सिलसिले में इंदौर में एमटीए, जेडीए और मेडिकल ऑफिसर्स मेडिकल एजुकेशन ने विरोध प्रदर्शन किया गया। डॉक्‍टरों ने बताया कि उन्‍होंने विरोध स्‍वरूप प्रतीकात्मक रूप से दवाओं को जलाया। विरोध प्रदर्शन में पहुंचे डॉक्टरों ने बताया कि पिछले दिनों अमानक दवाओं के मामले में कई कंपनियों के नाम सामने आए, डॉक्‍टरों ने इन अमानक दवाओं के बारे में सरकार को अवगत भी कराया, लेकिन सरकार ने इन कंपनियों के खिलाफ न तो कोई एफआईआर दर्ज की और न ही किसी तरह की कार्रवाई की है।

डॉक्‍टरों के लिए काम करना मुश्‍किल : विरोध में शामिल हुए डॉ. राहुल रोकड़े और डॉ. अशोक ठाकुर ने बताया कि मरीजों की मौत पर परिजन डॉक्टरों से मारपीट करते हैं। हम कब तक ये सब सहन करते रहेंगे? इतना बड़ा घोटाला हुआ और किसी पर भी एफआईआर दर्ज नहीं की गई। उन्होंने कहा कि सरकार न तो डॉक्टरों को सुरक्षा दे रही है और न ही व्यवस्था में सुधार कर रही है। यदि इसी तरह से चलता रहा तो डॉक्टरों के लिए काम करना मुश्किल हो जाएगा।

क्या है पूरा मामला : अभी सरकार ने कुछ दिन पूर्व कुछ दवाइयां पर प्रतिबंध लगाया था। लेकिन सरकार ही उन दवाइयां को खरीद रही है, जबकि डॉक्टरो का कहना है, इन दवाइयां में जो भी कंटेंट मिलाए गए हैं। वह मानक के अनुरूप नहीं है। जिसके चलते इनको सरकार द्वारा प्रतिबंध किया गया है। इन दवाइयां में बीमारी ठीक करने के लिए जो भी कंटेंट मिलाए जाते हैं, उनका एक पैमाना होता है, इन दवाइयों में वह पैमाना स्तर नहीं है। जिसके चलते आज हम दवाइयों की सांकेतिक रूप से होलिका दहन कर रहे हैं।

उचित मात्रा में नहीं है कंटेंट : डॉक्‍टरों के मुताबिक 500 एमजी की कोई दवा है, उसमें दो-तीन ड्रग्‍स मिलाए गए हैं, इन ड्रग्‍स को मिलने के बाद वह दवा 500 एमजी की होनी चाहिए तभी वह मरीज को लाभ पहुंचाएगी, लेकिन ऐसा नहीं होता है, उसमें मिलाए गए कंटेंट उचित मात्रा में नहीं है। जिसके चलते मरीज को ठीक करने के लिए जितनी मात्रा में वह कंटेंट चाहिए होता है, उसे नहीं मिलता। इसी आधार पर सरकार ने कुछ दवाइयां पर प्रतिबंध लगाया था। लेकिन आज भी वह दवाइयां सप्लाई हो रही हैं।
Edited By: Navin Rangiyal

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