महू उप जेल में कैदियों के साथ मारपीट और अवैध वसूली का सनसनीखेज मामला सामने आया है। वायरल वीडियो में उप जेलर द्वारा कैदी पर बर्बरता का खुलासा हुआ, जिसके बाद अधिकारी सख्त कार्रवाई में जुट गए हैं।
इस कांड के बाद जेल के अंदर की गतिविधियों को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। सबसे बडा सवाल तो यह है कि जिस घटना का वीडियो वायरल हो रहा है, उसे बनाने के लिए जेल में मोबाइल कैसे पहुंचा।
जांच में आएगा सामने: अब जांच का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह होगा कि जेल में मोबाइल कैसे पहुंचा और यह वीडियो किसने बनाया। यह भी सवाल उठ रहा है कि क्या जेल के अंदर कैदियों को अवैध रूप से नशे का सामान और अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जा रही थीं? क्या जेल में पैसे के दम पर कैदी खुलेआम घूम सकते थे और वीआईपी ट्रीटमेंट पा रहे थे? इन सभी पहलुओं की जांच एसडीएम के नेतृत्व में की जाएगी
जेल में कैसे आया मोबाइल : दरअसल यहां के एक कैदी राजेंद्र चौहान ने शिकायत की है जिसके बाद जेल प्रशासन में हडकंप मचा हुआ है। इस मामले में उप जेलर मनोज चौरसिया को निलंबित कर दिया गया है, कैदियों की पिटाई और उनके साथ बर्बरता का वीडियो वायरल हो रहा है, ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि जेल के अंदर यह वीडियो कैसे बना, किसने रिकॉर्ड किया, और मोबाइल जेल के अंदर कैसे पहुंचा? पूरे मामले की गहन जांच एसडीएम को सौंपी गई है।
कैदियों के साथ बेरहमी से मारपीट : महू उप जेल में सात साल तक सजा काट चुके एक पूर्व कैदी से भी पूछताछ की जाएगी, जिसने अपनी आपबीती सुनाकर इस पूरे कांड का खुलासा किया है। एडीएम रोशन राय को दिए गए शिकायती आवेदन में कैदी राजेंद्र चौहान ने न केवल लिखित शिकायत दी, बल्कि एक चौंकाने वाला वीडियो भी दिखाया, जिसमें उप जेलर मनोज चौरसिया को कैदियों के साथ बेरहमी से मारपीट कर रहे हैं। वीडियो में स्पष्ट रूप से दिखा कि जेलर ने एक कैदी की गर्दन अपने पैरों के बीच फंसा ली और उसे क्रूरता से पीटा।
मनोज चौरसिया निलंबित : 30 जनवरी को इस खबर के मीडिया में आने के बाद प्रशासन हरकत में आया और क्षेत्र के एसडीएम को जांच सौंप दी गई। अब आगे की जांच एसडीएम राकेश परमार करेंगे। अपर कलेक्टर रोशन राय ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एसडीएम महू को जांच के निर्देश दिए, साथ ही जेल अधीक्षक अलका सोनकर को भी इसकी जानकारी दी। जांच के बाद जेल अधीक्षक ने उप जेलर मनोज चौरसिया को निलंबित कर दिया है।
क्या है वीडियो में : वीडियो में जेल प्रहरी दया किशन कुशवाहा और सिपाही महेंद्र कुशवाहा भी नजर आ रहे थे, जिससे संदेह गहरा गया है कि जेल में अवैध गतिविधियों को संरक्षण दिया जा रहा था। शिकायतकर्ता चौहान ने आरोप लगाया कि उप जेलर ने उससे मोटी रकम मांगी थी और भुगतान न करने पर उसके साथ बर्बरता की गई।
Edited By: Navin Rangiyal