जिलाधिकारी निशांत वरवड़े ने कहा कि हम नहीं चाहते कि डीपीएस बस हादसे जैसी कोई दुर्घटना दोबारा हो, इसलिए तय मापदंडों का उल्लंघन करके बच्चों को स्कूल ले जाने और दोबारा घर छोड़ने वाले वैन और तिपहिया वाहन चालकों के खिलाफ सख्त कानूनी कदम उठाये जाएंगे।
उन्होंने दो टूक कहा कि चूंकि शैक्षणिक परिवहन में इस्तेमाल हो रहीं जिले की अधिकांश वैन और तिपहिया वाहन तय पैमानों पर खरे नहीं उतरते। इसलिए इनके चालकों को बच्चों को स्कूल ले जाने और दोबारा घर छोड़ने की अनुमति नहीं दी जा सकती। इस बीच सैकड़ों वैन और तिपहिया वाहन चालकों ने अचानक हड़ताल कर दी और जिलाधिकारी कार्यालय के सामने धरना-प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि प्रशासन उनकी आजीविका का ख्याल रखते हुए उन्हें विद्यार्थियों को स्कूल ले जाने और दोबारा घर छोड़ने का परमिट दे। मोटे अनुमान के मुताबिक शहर में करीब 30 प्रतिशत बच्चे वैन और तिपहिया वाहनों के जरिए स्कूल आते-जाते हैं। इन वाहनों की हड़ताल से हजारों अभिभावकों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा।