डायल 100/112 सेवा की जानकारी हेतु छात्रों की ट्रेनिंग

शनिवार, 4 मार्च 2023 (16:59 IST)
इंदौर। आज़ादी का अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य तहत कमिश्नर इंदौर हरिनारायणचारी मिश्र (IPS) व एडिशनल कमिश्नर राजेश हिंगणकर (IPS) के निर्देशन और रजत सकलेचा, डीसीपी इंटेलिजेंस व सुरक्षा, इंदौर के मार्गदर्शन में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर के दीनदयाल कौशल केंद्र के अंतर्गत स्कूल ऑफ कंप्यूटर साइंस व डेटा साइंस के बीएससी और एमएससी के छात्रों ने राष्ट्रीय स्तर साइबर सुरक्षा एक्सपेर्ट प्रो. गौरव रावल के नेतृत्व में पुलिस कंट्रोल रूम पलासिया का शैक्षिक भ्रमण किया।
 
पुलिस विभाग द्वारा की जाने वाली व्यवस्थाओं के सभी व्यावहारिक पहलुओं के साथ उसके पीछे की कार्यप्रणाली और प्रक्रियाओं को समझने के लिए करीब 180 छात्रों ने डायल-100 व सीसीटीवी सर्विलेंस सेवा केंद्र का दौरा किया।
 
छात्रों ने सहायक उपनिरीक्षक ललित अवचारे और अभिलाष सिंह के साथ सेंट्रलाइस सीसीटीवी निगरानी प्रणाली से परिचित होने के लिए सीसीटीवी नियंत्रण कक्ष का दौरा किया और शहर के विभिन्न बिंदुओं पर लगाए गए सभी 184 सीसीटीवी कैमरा स्थानों और इसकी निगरानी प्रणाली के पीछे की तकनीकों के बारे में जाना। 
 
उन्हें एसीपी और इंचार्ज कंट्रोल रूम सुभाष सिंह के साथ बातचीत करने का भी मौका मिला। कंट्रोल रूम इंचार्ज सिंह ने अपने संवाद सत्र में छात्रों को बताया इंदौर में डायल-100 अनुपालन की स्थिति 100 प्रतिशत है। डायल- 100 की नई व्यवस्था के तहत अब सभी प्रकार की आपात स्थितियों के अपराधों को रिपोर्ट करने पर आपकी पहचान गोपनीय राखी जाएगी, इसके साथ ही एक नया राष्ट्रीय हेल्पलाइन नं 112 सभी प्रकार की आपात स्थितियों (अपराध, आग और दुर्घटना) के लिए भारत सरकार द्वारा लांच किया गया है, नागरिकों को इसके लिए ऐप डाउनलोड करना चाहिए।
 
सिंह ने छात्रों के प्रश्नों के उत्तर देते हुए आगाह किया की किसी भी अंजान व्यक्ति को फोन अथवा लिंक के माध्यम से अपनी गोपनीय जानकारी साझा न करें। प्रो. रावल ने वित्तीय धोखाधड़ी होने पर ऑनलाइन हेल्पलाइन नंबर 155260 या 1930 पर डायल करने के बारे मे विस्तृत जानकारी दी। 
 
उन्होंने बताया कि छात्र-छात्राएं अपने साथ हुई कोई भी ऑनलाइन दुर्व्यवहार व साइबर ठगी की शिकायत स्थानीय पुलिस और क्राइम ब्रांच (साइबर हेल्प लाइन नंबर 7049124445), के माध्यम से या राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल www.cybercrime.gov.in के द्वारा गुप्त रूप से भी दर्ज करा सकते हैं।

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