पहलवान की जीत से खुश हुआ दोस्त, हार्ट अटैक से मौत

मंगलवार, 28 फ़रवरी 2023 (09:50 IST)
इंदौर। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में आयोजित महपौर केजरी कुश्ती स्पर्धा के दौरान अपने दोस्त की कुश्ती देखने आए अमरदीप सराह की हार्ट अटैक से मौत हो गई। अमरदीप खुद भी पहलवान थे। दोस्त की मौत से दुखी रेहान ने फाइनल मुकाबला खेलने से इंकार कर दिया। इसके बाद उज्जैन के राज सांगते को विजेता घोषित किया गया।
 
मीडिया खबरों के अनुसार, शहर के छोटे नेहरू स्टेडियम में रेहान खान और अजीम खान के बीच 75 किलोग्राम वर्ग का सेमीफाइनल चल रहा था। अमरदीप अपने दोस्त का रेहान का उत्साह बढ़ा रहा था। तभी रेहान ने अपने एक दांव से अजीम को चित कर दिया। जैसे ही रेहान ने मुकाबला जीता अमरदीप को खुशी के मारे हार्ट अटैक आ गया और वे बेहोश हो गए।
 
अमरदीप को तुरंत अस्पताल ले जाया गया। उसका वक्त पर इलाज भी शुरू कर दिया गया लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका।
 
धड़कनें रूक जाने का यह एक बेहद गंभीर और डराने वाला ट्रेंड बन गया है। मोटे तौर पर देखने से पता चलता है कि दिल ने अपने थमने का पैटर्न बदल लिया है। यह आशंका जाहिर की जा रही है कि ऐसा कोरोना संक्रमण और वैक्‍सीन लगने के बाद हो रहा है। इसकी कोई पुख्‍ता रिपोर्ट अब तक सामने नहीं आई है।
 
विशेषज्ञों के मुताबिक देशभर में हार्ट अटैक से हो रही मौत की घटनाएं कोई नई बात नहीं है। पहले भी इस तरह से हार्ट अटैक के केस आते रहे हैं, लेकिन जब से सोशल मीडिया आया है और लोगों में वीडियो कैप्‍चर करने की आदत बढ़ गई है तब से ये घटनाएं ज्‍यादा देखने को मिल रही हैं।
 
अपोलो अस्‍पताल इंदौर में कॉर्डियोलॉजिस्‍ट डॉ अखिलेश जैन ने वेबदुनिया को बताया कि यह सही है कि इन दिनों ज्‍यादातर लोगों को अटैक आ रहे हैं। लेकिन यह पिछले करीब एक दशक से हो रहा है। उनका कहना है कि इसके पीछे कई वजहें हैं, जिनमें लाइफस्‍टाइल और तनाव शामिल हैं। डॉक्‍टर जैन का कहना है कि ह्दय रोग एक लाइफस्‍टाइल बीमारी है। हालांकि बहुत सारे रिस्‍क फैक्‍टर्स होते हैं। इनमें ब्‍लड प्रेशर, डायबिटीज और हेरिडेटरी यानी फैमिली हिस्‍ट्री भी हैं। उनका कहना है कि बदलती लाइफस्‍टाइल ने दिल का पूरा कबाड़ा किया है।
 
क्‍यों हो जाती है नौजवानों की मौत : जब किसी 60 साल के व्‍यक्‍ति को अटैक आता है तो उसे उतना डैमेज नहीं होता है, जितना एक नौजवान को अचानक आए अटैक में होता है, क्‍योंकि 60 और 70 साल के व्‍यक्‍ति की हार्ट की धमनियों में धीरे-धीरे कुछ स्‍तर तक ब्‍लॉकेज यानी पहले से ही बन जाते हैं। ऐसे में उनमें कोलेटल भी डेवलेप होता है। ऐसे में उसे अटैक आता है तो उतना डैमेज नहीं होता। जबकि कम उम्र में या नॉर्मल हार्ट में अचानक आए अटैक से आर्टरी डैमेज हो जाती है। जिससे नौजवनों को अटैक आता है तो अचानक मौत की आशंका ज्‍यादा रहती है।

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