APJ Abdul Kalam: डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जयंती, जानें क्यों मनाया जाता है इस दिन विश्व छात्र दिवस

WD Feature Desk

बुधवार, 15 अक्टूबर 2025 (09:01 IST)
APJ Abdul Kalam birthday: डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम भारत के ऐसे महान वैज्ञानिक और पूर्व राष्ट्रपति थे, जिन्होंने अपने जीवन को शिक्षा, विज्ञान और युवाओं के समर्पण में लगा दिया। 15 अक्टूबर जन्मे डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम भारत के 11वें राष्ट्रपति और प्रसिद्ध वैज्ञानिक है। उनका जन्म: 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम, तमिलनाडु में हुआ था। उन्हें 'भारत के मिसाइल मैन' के रूप में जाना जाता है तथा उनके जन्मदिन को विश्व छात्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
 
हर वर्ष 15 अक्टूबर को उनकी जयंती को 'विश्व छात्र दिवस (World Students Day)' के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य छात्रों को प्रेरित करना और डॉ. कलाम के सपनों वाले भारत को साकार करना है। उनकी सादगी, वैज्ञानिक सोच और प्रेरणादायक विचार आज भी करोड़ों युवाओं के लिए मार्गदर्शक हैं। 
 
छात्रों के प्रिय 'मिसाइल मैन': डॉ. कलाम ने अपने जीवन का बड़ा हिस्सा छात्रों को प्रेरित करने और विज्ञान में युवाओं की रुचि बढ़ाने में बिताया। वे हमेशा कहते थे: 'Dream, dream, dream. Dreams transform into thoughts and thoughts result in action.'
 
संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता: वर्ष 2010 में संयुक्त राष्ट्र (UNO) ने 15 अक्टूबर को 'वर्ल्ड स्टूडेंट डे' (World Students Day) के रूप में मान्यता दी। यह सम्मान दुनिया भर के छात्रों के लिए डॉ. कलाम के योगदान को दर्शाता है।
 
डॉ. कलाम और शिक्षा: उन्होंने हमेशा ज्ञान, नवाचार और युवा शक्ति को देश की सबसे बड़ी ताकत बताया। वे मानते थे कि 'छात्र ही देश का भविष्य हैं।' राष्ट्रपति रहते हुए भी वे लगातार स्कूल-कॉलेजों में छात्रों के बीच जाते रहे।
 
विश्व छात्र दिवस पर डॉ. कलाम से जुड़ी प्रेरणादायक बातें:
1. सपना वह नहीं जो आप नींद में देखें, सपना वह है जो आपको सोने न दे।
 
2. शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है, जिससे आप दुनिया को बदल सकते हैं।
 
3. हर छात्र में अग्नि होती है, बस उसे पहचानना और प्रज्वलित करना जरूरी है।
 
इस तरह हम समझ सकते हैं कि 15 अक्टूबर को विश्व छात्र दिवस केवल एक जयंती नहीं, बल्कि एक अवसर है डॉ. कलाम के विचारों को अपनाने का, छात्रों को प्रेरित करने का और शिक्षा को समाज में सर्वोच्च स्थान देने का।  बता दें कि कलाम साहव का निधन शिलांग के आईआईएम में एक व्याख्यान के दौरान 27 जुलाई 2015 को हुआ था। 
 
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