संत विनोबा भावे कौन थे, 10 बातें

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1. महाराष्ट्र के कोलाबा (अब रायगढ़) जिले के गागोडे गांव में 11 सितंबर 1895 को एक चितपावन ब्राह्मण परिवार में विनोबा भावे (Vinoba Bhave) का जन्म हुआ था। उनका मूल नाम विनायक नारहरी भावे था। 
 
2. उनके पिता का नाम नरहरि शंभू राव और माता का नाम रुक्मणि था। उनकी मां का उनके जीवन पर गहरा प्रभाव था। 
 
3. विनोबा भावे भगवद्‍गीता, महाभारत और रामायण जैसे धार्मिक ग्रंथों से बहुत अधिक प्रभावित थे। 
 
4. गांधी जी ने वर्ष 1940 में अंग्रेज सरकार की युद्ध नीतियों के खिलाफ राष्ट्रीय विरोध, प्रदर्शन का नेतृत्व करने के लिए विनोबा भावे को चुना था।
 
5. विनोबा भावे का कहना था कि उन्हें गांधी जी में हिमालय की शांति और बंगाल का क्रांतिकारी जोश मिलता है। गांधी जी ने विनोबा भावे की यह कहते हुए प्रशंसा की थी कि वह उनके विचारों को बेहतर ढंग से समझते हैं। 
 
6. 30 जनवरी 1948 को गांधीजी की हत्या के बाद उनके अनुयायी दिशा-निर्देश के लिए विनोबा भावे की ओर देख रहे थे। उन्हें इस आंदोलन को अपार जनसमर्थन मिला तथा जनजागरूकता के साथ ही समाजिक निर्णय में लोगों की भागीदारी बढ़ी। विनोबा भावे का मानना था कि भारतीय समाज के पूर्ण परिवर्तन के लिए ‘अहिंसक क्रांति’ छेड़ने की आवश्यकता है।
 
7. महात्मा गांधी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी तथा भारत का राष्ट्रीय आध्यापक समझा जाता है। 
 
8. एवं महान स्वतंत्रता सेनानी विनोबा भावे ने वर्ष 1955 में देश में अपने भूदान आंदोलन की शुरुआत ऐसे समय की जब देश में जमीन को लेकर रक्तपात होने की आशंका उत्पन्न हो गई थी। 
 
9. नवंबर 1982 में विनोबा भावे गंभीर रूप से बीमार पड़ गए और उन्होंने भोजन और दवा नहीं लेने का निर्णय किया। उनका 15 नवंबर 1982 को निधन हो गया। 
 
10. आचार्य विनोबा भावे भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, सामाजिक कार्यकर्ता एवं प्रसिद्ध गांधीवादी नेता थे। उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया तथा सामुदायिक नेतृत्व के लिए पहला अंतरराष्ट्रीय रेमन मैगसाय पुरस्कार मिला था।

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