1. मराठा साम्राज्य के राजा छत्रपति शिवाजी महाराज (Shivaji Maharaj) को कौन नहीं जानता। शिवनेरी (महाराष्ट्र) में 19 फरवरी 1627 को मराठा परिवार में जन्मे शिवाजी महाराज बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उनके पिता का नाम शाहजी और माता का नाम जीजाबाई था। बचपन से ही राजनीति एवं युद्ध की शिक्षा लेने वाले शिवाजी कई कलाओं में माहिर थे। वे बचपन में अपनी आयु के बालकों को इकट्ठा करके उनके नेता बनकर युद्ध करने और किले जीतने का खेल खेला करते थे। युवावस्था में आते ही उनका खेल, वास्तविक कर्म बना और शत्रुओं पर आक्रमण करके शिवाजी उनके किले आदि जीतकर उन्हें परास्त करने लगे।
2. 6 जून का दिन भारतीय इतिहास में खास महत्व रखता हैं, क्योंकि इसी दिन यानी 6 जून 1674 को छत्रपति शिवाजी महाराज युद्ध में मुगलों को परास्त कर लौटे थे तथा मराठा शासक के रूप में उनका राज्याभिषेक हुआ था। वे एक ऐसे भारतीय शासक थे जिन्होंने मराठा साम्राज्य खड़ा किया था, अत: उन्हें एक अग्रगण्य वीर एवं अमर स्वतंत्रता-सेनानी भी स्वीकार किया जाता है।
3. माना जाता है कि छत्रपति शिवाजी ने ही भारत में पहली बार गुरिल्ला युद्ध का आरंभ किया था। गुरिल्ला युद्ध एक प्रकार का छापामार युद्ध है। मोटे तौर पर छापामार युद्ध अर्द्धसैनिकों की टुकड़ियों अथवा अनियमित सैनिकों द्वारा शत्रु सेना के पीछे या पार्श्व में आक्रमण करके लड़े जाते हैं। उन्हें भारतीय नौसेना का जनक भी माना जाता है, क्योंकि उन्होंने ही नौसेना भी तैयार की थी।
4. छत्रपति शिवाजी अपनी कुलदेवी माता तुलजा भवानी के उपासक थे। महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले का एक ऐसा स्थान जिसे तुलजापुर के नाम से जाना जाता है, जहां छत्रपति शिवाजी की कुलदेवी मां तुलजा भवानी स्थापित हैं, जो आज भी कई परिवारों की कुलदेवी के रूप में प्रचलित हैं। शिवाजी महाराज उन्हीं की उपासना करते थे। मान्यतानुसार खुद देवी मां ने प्रकट होकर शिवाजी को तलवार प्रदान की थी।
5. छत्रपति शिवाजी महाराज को भारत के शूरवीरों में गिना जाता है, क्योंकि वे एक बुद्धिमान, बहादुर, शौर्यवीर और दयालु शासक थे। शिवाजी जयंती का दिन महाराष्ट्र में एक त्योहार की तरह मनाया जाता है और इस दिन सार्वजनिक अवकाश भी रहता है। अप्रैल 1680 को बीमार होने पर छत्रपति शिवाजी महाराज की मृत्यु हो गई थी। शिवाजी महाराज आज भी भारत के सच्चे वीर सपूतों में से एक माने जाते हैं।