बालों को तेजी से लंबा करते हैं ये योगासन, रोजाना 5 मिनट करें

अनिरुद्ध जोशी
Yoga for hair growth webdunia : बालों की समस्या अब आम हो चली है। इसका कारण शहर का प्रदूषण, धूल, धुवां और दूषित भोजन-पानी। हालांकि बाल झड़ने का एक और कारण है- तनाव और अन्य मानसिक परेशानियां। बाल झड़े नहीं, काले और घने बने रहे इसके लिए कौन से योगासन करना चाहिए?
 
रखें ये सावधानियां:-
  1. सबसे पहले साबुन का इस्तेमाल करना बंद करें।
  2. हल्दी, बेसन, शिकाकाई आदि का उबटन बनाकर उसी से स्नान करें। 
  3. फिर अच्छे से शरीर की नियमित रूप से तेल मालिश करें।
  4. धूल धुएं, प्रदूषण आदि से बचें। 
  5. यौगिक या पौष्टिक आहार ही ग्रहण करें।
रोजाना 4 मिनट करें ये 5 योगासन
 
1. व्रजासन :- पैरों की एड़ी-पंजे को दूर कर पुट्ठे फर्श पर टेक दिए जाते हैं, किंतु दोनों घुटने मिले हुए होना चाहिए, इस स्थिति को भी वज्रासन कहा जाता है।
 
2. पवन मुक्तासन :-  पीठ के बल लेटकर दोनों पैरों को एक-दूसरे से सटा लें। अब हाथों को कमर से सटाएं। फिर घुटनों को मोड़कर पंजों को भूमि पर टिकाएं। इसके बाद धीरे-धीरे दोनों सटे हुए घुटनों को छाती पर रखें। हाथों की कैंची बनाकर घुटनों को पकड़ें। यह पवन मुक्तासन है।
 
3. उष्ट्रासन :-  ऊंट के समान दिखाई देने के कारण उष्ट्रासन। वज्रासन की स्थिति में बैठने के बाद घुटनों के ऊपर खड़े होकर पगथलियों के ऊपर एक एक कर क्रम से हथेलियां रखते हुए गर्दन को ढीला छोड़ देते हैं और पेट को आसमान की ओर उठाते हैं। ये उष्ट्रासन है।
 
4. शीर्षासन :- किसी दीवार के सामने मुंह करके वज्रासन में बैठ जाएं। फिर मस्तक को दीवार के पास भूमि पर टिकाते हुए फिर हाथों की कोहनियां जमीन पर टिकाएं। फिर हाथों की अंगुलियों को आपस में मिलाकर ग्रिप बनाएं, तब सिर को ग्रिप बनी हथेलियों के पास भूमि पर टिका दें। इससे सिर को सहारा मिलेगा। फिर घुटने को जमीन से उपर उठाकर पैरों को लंबा कर दें। फिर धीरे-धीरे पंजे टिके दोनों पैरों को पंजों के बल चलते हुए शरीर के करीब अर्थात माथे के नजदीक ले आते हैं और फिर पैरों को घुटनों से मोड़ते हुए उन्हें धीरे से ऊपर उठाते हुए सीधा कर देते हैं तथा पूर्ण रूप से सिर के बल शरीर को टिका लेते हैं। ऐसी स्थिति में आपकी पीठ दीवार के सहरे टीक जाएगी।
 
आसनों का क्रम : वज्रासन के बाद कुर्मासन करें फिर उष्ट्रासन करें। पवनमुक्तासन के बाद मत्स्यासन करें फिर कुछ देर विश्राम करने के बाद शीर्षासन करें। आसनों को करने के बाद अनुलोम-विलोम प्राणायम करें और फिर पांच मिनट का ध्यान करें।

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