अहिल्याबाई होलकर के प्रति आस्था ने नौकर से बनाया मालिक

अनिल शर्मा

गुरुवार, 29 मई 2025 (12:22 IST)
Ahilyabai Holkar Birth Anniversary 2025: भारतवर्ष की प्रथम पूजनीय देवी तुल्य मां और शिवभक्त अहिल्याबाई होलकर एक ऐसा नाम है जिसके प्रति कोटि-कोटि जन की आस्था, विश्वास यहां तक कि चमत्कार की उम्मीद भी। इस बात में कोई दोराय नहीं कि आज के दौर में भी अहिल्याबाई होलकर देवी के रूप में पूजनीय है। वर्ष 2025 में 31 मई को उनकी 300वीं जयंती मनाई जा रही है।
 
बहुत पुराने समय की बात है। मेरे परिचित ने मुझे अपना किस्सा सुनाया था कि जब वह रोजगार के लिए इंदौर आया तो उसके पास उस समय 10-15 रुपए थे, जो 2-4 दिन चल गए। जब पैसे खत्म हो गए तो उसने 2-4 दिन सार्वजनिक नलों से पानी पीकर भूख-प्यास मिटाई और जब स्थिति असह्य हो गई तो वह इंदौर स्थित राजबाड़ा क्षेत्र में बने देवी अहिल्याबाई होलकर उद्यान में बैठकर एकटक अहिल्याबाई होलकर की मूर्ति को देखकर बहते हुए आंसुओं के साथ मन ही मन प्रार्थना करता रहा कि तेरी नगरी में कोई भूखा नहीं रहता तो मेरे साथ ऐसा क्यों? तकरीबन पौन घंटा हुआ होगा कि एक व्यापारी ने आकर उससे बोला कि काम करेगा? उसने तुरंत 'हां' भर दी।
 
वह बोला- 'बाबूजी, मैं भूखा-प्यासा हूं, पहले खाना खिलवा दो और फिर जो काम दोगे, मैं कर दूंगा। व्यापारी ने उसे खाना खिलवाया। उसके बाद वह व्यापारी के काम में लग गया। उस परिचित ने देवी अहिल्याबाई की इस कृपा को अपने हृदय में बसा लिया।
 
उसी व्यापारी के यहां से उसने अपना खुद का काम शुरू किया और अच्छा व्यापारी बन गया। भले ही यह इत्तेफाकन हुआ हो, लेकिन देवी अहिल्याबाई होलकर के प्रति जो आस्था और विश्वास आज भी जन-जन में मौजूद है, वह किसी चमत्कार से कम नहीं है। आज भी देवी अहिल्याबाई की दानशीलता, न्यायप्रियता, योग्य शासन के किस्से जनश्रुतियों में मौजूद हैं।
 

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