10 सितंबर : भारत रत्न गोविंद वल्लभ की जयंती, पढ़ें 10 खास बातें

Govinda Vallabha Pant

1. गोविंद वल्लभ पंत का जन्म 10 सितंबर 1857 को अल्मोड़ा के खूंट नामक गांव में हुआ था। 
 
2. उनके पिता का नाम मनोरथ पंत था। उनका पालन-पोषण उनकी मौसी धनी देवी ने किया। 
 
3. उनकी शिक्षा 10 वर्ष की आयु तक घर पर ही हुई। 
 
4. जब वे 12 वर्ष के थे और सातवीं में पढ़ रहे थे तभी उनका विवाह 'गंगा देवी' हुआ।
 
5. उन्होंने रामजे कॉलेज और बाद में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से गणित, राजनीति और अंग्रेजी साहित्य में बी.ए. किया। आगे चलकर उन्होंने वकालत की शिक्षा ली लेकर कानून की परीक्षा में विश्वविद्यालय में सर्वप्रथम आने पर उन्हें 'लम्सडैन' स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। 
 
6. इलाहाबाद शिक्षा के दौरान उन्हें महापुरुषों का सान्निध्य मिला, गोविंद वल्लभ पंत जी ने अपनी पारदर्शी कार्यशैली से देश के राजनेताओं का ध्यान आकर्षित किया। सन् 1921, 1930, 1932 और 1934 के स्वतंत्रता संग्रामों में उन्होंने हिस्सा लिया और लगभग 7 वर्ष जेल में रहे।  
 
7. गोविंद वल्लभ पंत 1946 से दिसंबर 1954 तक उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। हिन्दी को राजकीय भाषा का दर्जा दिलाने में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा। 
 
8. उन्होंने अपने वकालत की शुरुआत अपने गृहक्षेत्र से की थी। काकोरी मुकदमे में एक वकील के तौर पर उन्हें पहचान और प्रतिष्ठा मिलीं।  
 
9. 23 वर्ष की उम्र में गोविंद वल्लभ के पहले पुत्र और कुछ समय बाद उनकी पत्नी गंगा देवी की मृत्यु हो गई। परिवार के दबाव के चलते उन्होंने दूसरा विवाह किया, लेकिन दूसरी पत्नी से एक पुत्र प्राप्ति और बीमारी के चलते उस पुत्र की मृत्यु और उनकी दूसरी पत्नी का भी निधन हो गया। 30 वर्ष की उम्र में उनका तीसरा विवाह 'कला देवी' से हुआ था। 
 
10. गोविंद वल्लभ भारत के एक समर्पित देशभक्त, स्वतंत्रता सेनानी, उप्र के पहले मुख्यमंत्री और देश के दूसरे गृहमंत्री के रूप आज भी आदर्श हैं। 7 मार्च 1961 को गोविंद वल्लभ पंत का हृदयाघात से निधन हो गया।
 
- आरके.

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