विश्वकवि रवीन्द्रनाथ टैगोर भारत के उच्च कोटि के साहित्यकार हैं। उनके अनमोल वचन हमारे लिए बहुत ही अमूल्य हैं। नोबेल पुरस्कार विजेता एवं भारतमाता के ऐसे सच्चे सपूत को हम नमन करते हैं।
यहां पाठकों के लिए प्रस्तुत हैं उनके अनमोल विचार-
* रवीन्द्रनाथ टैगोर कहते हैं कि तथ्य कई हैं, पर सत्य एक ही है।
* जो अपना है, वह मिलकर ही रहेगा।
* सच्चा प्रेम स्वतंत्रता देता है, अधिकार का दावा नहीं करता।
* जब हम विनम्रता में महान होते हैं, तभी हम महानता के सबसे करीब होते हैं।
* सिर्फ नदी किनारे खड़े होकर पानी देखने से आप नदी पार नहीं कर सकते।
* मौत प्रकाश को खत्म करना नहीं है, ये सिर्फ दीपक को बुझाना है, क्योंकि सुबह हो गई है।
* वो मनुष्य जो दूसरों का अच्छा करने में बहुत ज्यादा व्यस्त रहता है, वह स्वयं अच्छा होने के लिए समय नहीं निकाल पाता।
* हर बच्चा इसी संदेश के साथ इस दुनिया में आता है कि भगवान अभी तक मनुष्यों से हतोत्साहित नहीं हुआ है।
* फूल जो अकेला है, कांटों से ईर्ष्या न करे, जो कि गिनती में अधिक हैं।
* बर्तन में रखा पानी चमकता है, समुद्र का पानी अस्पष्ट प्रतीत होता है। लघु सत्य स्पष्ट शब्दों से बताया जा सकता है, पर महान सत्य मौन रहता है।