हैरान कर देने वाली 13 धारणाएं

दुनियाभर में आपको ऐसे हजारों विश्वास और रिवाज मिल जाएंगे जिनके पीछे कोई लॉजिक नहीं नजर आएगा फिर भी उन्हें पूरी तरह माना जाता है। हमारे समाज में कुछ ऐसी मान्यताएं प्रचलित हैं जिन्हें 'अंधविश्वास' कहा जाता है। दुनियाभर में हजारों-लाखों तरह की धारणाएं प्रचलित हैं। हालांकि इनके पीछे का सच कोई नहीं जानता है। ये वैज्ञानिक शोध का विषय हो सकती हैं या इन्हें अंधविश्‍वास मानकर खारिज किया जा सकता है। हम 'धारणा' शब्द के अर्थ पर न जाएं।
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हालांकि ये विश्वास हैं या अंधविश्वास? यह हम नहीं जानते लेकिन प्राचीनकाल से ही लोक परंपरा और स्थानीय लोगों की मान्यताओं पर आधारित इन बातों को आज भी लोग सही मानते हैं। इन विश्वासों को अनुभव पर आधारित माना जाता है। यहां प्रस्तुत हैं ऐसी 13 धारणाएं, जो समाज में आज भी प्रचलित हैं। 
 
नोट : यह जानकारी परंपरागत रूप से प्राप्त ज्ञान पर आधारित है। पाठकों की सहमति-असहमति स्वविवेक पर निर्भर है।
 
अगले पन्ने पर पहली रोचक धारणा...
 
पहली धारणा : ऐसा माना जाता है कि यदि आपकी नाक आपको दिखाई देना बंद हो जाए तो समझिए कि मौत निकट ही है या आप किसी गंभीर बीमारी के शिकार हो गए हैं। यह मान्यता भी है कि सीधे खड़े होकर यदि आपको आपके घुटने दिखाई नहीं देते हैं तो आपका शरीर खतरनाक स्थिति में है। ऐसे में कृपया आप योग करें।
 
अगले पन्ने पर दूसरी रोचक धारणा...
 
गिरते हुए तारे को देखकर कुछ मांगना : जनमानस में ऐसी धारणा प्रचलित है कि गिरते या टूटते हुए तारे को देखना बहुत शुभ होता है। ऐसे में उसी समय कुछ मांग लेने से वह मुराद पूरी हो जाती है। ऐसा माना जाता है कि देवता टूटते तारे के रूप में जमीन पर उतरते हैं।
 
अगले पन्ने पर तीसरी रोचक धारणा...
 
सीटी बजाने से हानि : ऐसा कहते हैं कि घर में सीटी नहीं बजाना चाहिए। इससे धन की हानि होती है। यह भी माना जाता है कि रात में सीटी बजाने से बुरी आत्माएं सक्रिय हो जाती हैं। हालांकि यह धारणा जापान से भारत में प्रचलित हो गई है। भारत में रात में सीटी बजाना अशुभ एवं सांप को बुलाने वाला माना जाता है।
 
अगले पन्ने पर चौथी रोचक धारणा...
 
सुनसान स्थान पर पेशाब कर देने से भूत लग जाता है : ऐसा माना जाता है कि किसी सुनसान या जंगल की किसी विशेष भूमि कर पेशाब कर देने से भूत पीछे लग जाता है। ऐसे में कुछ लोग पहले थूकते हैं फिर पेशाब करते हैं और कुछ लोग कोई मंत्र वगैरह पढ़कर ऐसा करते हैं। साथ ही लोग नदी, पुल या जंगल की पगडंडी पर पेशाब नहीं करते। भोजन के बाद पेशाब करना और उसके बाद बाईं करवट सोना बड़ा हितकारक है।
 
अगले पन्ने पर पांचवीं रोचक धारणा...
 
अनहोनी की धारणा :
* यदि 1 महीने में 5 शनिवार या 5 रविवार या 5 मंगलवार आएं तो राजा का नाश होता है।
* यदि 1 महीने में 2 ग्रहण हो तो राजा या मंत्री की मृत्यु होती है।
* रात में कौवे बोले, दिन में गीदड़ बोले तो अवश्य ही कोई बड़ा उपद्रव होगा। 
 
अगले पन्ने पर छठी रोचक धारणा...
 
चाकू रखकर सोना : आज भी कई लोग तकिए के नीचे चाकू रखकर सोते हैं। इसके पीछे धारणा यह है कि यदि किसी को चमककर उठने की आदत है, बुरे सपने आते हैं तो इस उपाय से वे दूर हो जाते हैं इसीलिए वे तकिए के नीचे चाकू रखकर सोते हैं। यह धारणा भी है कि ऐसा करने से हमारे आसपास की नकारात्मक शक्तियां या बुरी शक्तियां भी निष्क्रिय हो जाती हैं और वे हमारे दिमाग पर कब्जा नहीं कर पातीं।
 
अगले पन्ने पर सातवीं धारणा..
 
स्त्री बनीं है पुरुष की पसली से : पश्चिमी जगत में यह अजब धारणा है कि ईश्वर ने स्त्री को पुरुष की बाईं पसली से बनाया है। स्त्री के बारे में इस तरह की कई धारणाएं हैं जो उन्हें पुरुषों से कमतर नीचा दिखाने के लिए समाज में आज भी प्रचलित है।
 
अगले पन्ने पर आठवीं रोचक धारणा...
 
लकी चार्म : समाज में आजकल यह बहुत प्रचलित है। सभी का अपना अपना एक अलक लकी चार्म हो गया है। कोई अपने लॉकेट को तो कोई अपनी अंगुठी को तो लकी चार्म मानता ही है लेकिन कुछ क्रिस्टल, ईवल आई, लाफिंग बुद्धा, लकी बैंबू, सिक्का, फूल या भभूत को अपना चकी चार्म मानता है। हैरानी तो तब होती है जब कोई अपने कुत्ते को, कोई चप्पल को और कोई अपने शर्ट को लकी चार्म मानता है। इसी तरह ऐसे हजारों लकी चार्म है।
 
अगले पन्ने पर नौवीं धारणा...
 
अजब गजब नदियां : कहीं दूध की, कहीं अमृत की तो कहीं शराब की नदियां बहती है। आम लोगों में यह धारणा प्रचलित है कि प्राचीन काल में दूध की नदियां बहती थी। जन्नत में शराब की नदियां बहती है और ऐसे भी कुंड हैं जहां अमृत भरा हुआ है। हालांकि इस धरती पर तो सिर्फ आग और पानी के ही दरियां बहते हैं।
 
अगले पन्ने पर दसवीं रोचक धारणा...
 
पहले के लोग हजारों वर्षों तक जिंदा रहते थे : आज भी यह धारणा प्रचलित है कि प्राचीन काल के लोगों की उम्र हजारों वर्षं और कुछ की सैंकड़ों वर्षों की हुआ करती थी। जबकि इस संबंध में विज्ञान कुछ नहीं कहता। वैज्ञानिकों अनुसार वर्तमान में इंसान की पूर्ण उम्र 113 वर्ष तक की होती है और प्राचीन समय में आबोहवा एवं खानपान शुद्ध होने के कारण व्यक्ति कम से कम 150 वर्ष तक जिंदा रह सकता था।
 
अगले पन्ने पर ग्यारहवीं रोचक धारणा...
 

पानी का पता लगाना : जहां आंकड़े का घना पौधा है वहां भूमि में नीचे पानी होगा और जहां बबूल के पेड़ होते हैं वहां भूमि में नीचे पानी नहीं होगा। आज भी कई ऐसे लोग हैं, जो गांवों में किसानों को कुआं खोदने, बोरवेल लगाने की उचित जगह बताते हैं। ऐसे लोग या तो नारियल के प्रयोग से बताते हैं या तांबे की छड़ को घुमाकर बताते हैं।
कुछ लोग हाथ में जामुन या गूलर की केंटीनुमा लकड़ी लेकर चलते हैं और जहां भी भू-गर्भीय जल होता है वहां यह लकड़ी घूमने लगती है। कुछ लोग ऐसे जानकार होते हैं, जो मिट्टी देखकर बता देते हैं कि कितने हाथ पर चट्टानें, कितने पर मिट्टी और कितने पर पानी निकलेगा। पानी बताने के इस तरीके में मिट्टी को तम्बाकू की तरह हथेली पर मसलते हैं। यदि उसमें से ‘पानी टपकने’ लगता है तो इसका मतलब होता है कि वहां पानी है। इसके अलावा खेत में नंगे पांव घूमने पर जहां थोड़ी ऊष्णता लगे, वहां पलाश के पत्ते रखकर उन पर मिट्टी का एक ढेला रख दिया जाता है। इस पत्ते पर सुबह यदि पानी की बूंदें मिलें तो वहां पक्का पानी होगा। इसी तरह अकाब (एक तरह की रुई) के साथ पत्तों को 4-6 इंच मिट्टी हटाकर सबसे बड़े पत्ते को ऊपर और फिर आकार के हिसाब से 1-1 कर छोटे पत्ते उल्टे करके रखे जाते हैं। सुबह यदि इनमें से पानी टपकने लगे तो यह पानी होने का संकेत होगा। इस तरकीब से कुएं खोदने की कई प्राचीन धारणाएं प्रचलित हैं।
 
अगले पन्ने पर बारहवीं रोचक धारणा....
 
जल परियां, हूरें, अप्सराएं : यह धारणा भी आम है कि जल परिया, अप्सराएं या हूरें होती है। कुछ लोग इस पर विश्वास करते हैं और कुछ नहीं। आप इस संबंध में यूट्यूब पर कई वीडियो देख सकते हैं, लेकिन इसकी सत्यता का कोई प्रमाण नहीं।
 
अगले पन्ने पर तेरहवीं रोचक धारणा...
 

* जूते-चप्पल उल्टे हो जाए तो आप मानते हैं कि किसी से लड़ाई-झगड़ा हो सकता है?
-ऐसा माना जाता है कि घर के बारह रखे जूते या चप्पल यदि उल्टे हो जाएं तो उन्हें तुरंत सीधा कर देना चाहिए अन्यथा आपकी किसी से लड़ाई होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसा होने से बचने के लिए चप्पल उल्टी हुई है तो एक चप्पल से दूसरी चप्पल को मारकर सीधा रखने का अंधविश्वास है। इसी तरह जूते के साथ भी किया जाता है।

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