इतना बड़ा था इस शख्‍स का पेट, लोग कहने लगे ‘प्रेग्‍नेंट’ हो, ऑपरेशन में सामने आई ‘चौंकाने वाली वजह’

गुरुवार, 14 अक्टूबर 2021 (16:04 IST)
कई लोगों की तोंद निकली हुई होती है, जिसकी वजह से उन्‍हें शर्मिंदा होना पड़ता है, लेकिन अपने बड़े हुए पेट की वजह से कोई किसी शख्‍स को प्रेग्‍नेंट कहकर ही बुलाने लगे तो इसे आप क्‍या कहेंगे।

कुछ ऐसा ही होता था कोलकाता के शख्‍स अर्नब मुखर्जी के साथ। जब वे घर से निकलते थे तो लोग उन्‍हें गर्भवती महिला यानी प्रेंग्‍नेंट होने के ताने मारते थे।    

दरअसल कोलकाता में रहने वाले 45 साल के अर्नब मुख़र्जी के पेट में लंबे समय से दर्द था। जब उन्‍होंने डॉक्टर से कंसल्ट किया तो पता चला कि उनके पेट में करीब 10 किलो का ट्यूमर (10 kg tumour) मौजूद था। ये ट्यूमर सिर्फ 2 महीने में ही इतना बड़ा हो गया था। जब भी अर्नब बाहर निकलते तो लोग उन्‍हें प्रेग्नेंट कहते थे। लेकिन उनके बेहद ज्‍यादा फूल चुके पेट की वजह असल में ट्यूमर था।

सर्जरी के बाद खुद अर्नब ने अपने हाल के बारे में लोगों को बताया। उन्‍होंने कहा कि बीते दो महीने से उसके पेट में काफी दर्द हो रहा था। पहले तो डॉक्टर्स को इसकी वजह पता नहीं चल पाई। दो महीने में ये ट्यूमर चौगुना बढ़ गया और करीब 10 किलो का हो गया। तब जाकर दुबारा उन्‍होंने डॉक्टर से मिलने का फैसला किया। जब ट्यूमर पकड़ में आया और उसे निकाला गया तो हर कोई दंग था।

विक्टोरिया मेडिकल सेंटर के डॉक्टर्स से कंसल्ट करने के बाद उन्‍हें लायंस हॉस्पिटल में रेफर किया गया, जहां डॉ माखन लाल साहा और उनकी बेटी डॉ प्रियंका ने उनकी सर्जरी की।

करीब चार घंटे चली सर्जरी में डॉ प्रियंका ने उसके पेट से लगभग 10 किलो का ट्यूमर निकाला। अर्नब की सर्जरी 2 अक्टूबर को हुई. डॉ माखन ने बताया कि ये सर्जरी काफ़ी क्रिटिकल थी। पहली बार में ट्यूमर डिटेक्ट नहीं हुआ था। कई टेस्ट के बाद इसका पता चल पाया। सर्जरी में अर्नब की जान जाने का भी खतरा था, क्‍योंकि ट्यूमर काफी बड़ा हो गया था। लेकिन दोनों सर्जन ने मिलकर उनका कैंसरस ट्यूमर निकाल दिया!

मेडिकल टीम ने बताया कि सर्जरी के बावजूद अभी अर्नब का कैंसर ट्रीटमेंट चलता रहेगा। अर्नब की हालत स्थिर है और उसे हर दो से तीन दिन में लिक्विड डायट दी जा रही है। अब अर्नब का कीमो किया जाएगा और कैंसर के बाकी ट्रीटमेंट चलेंगे। अर्नब को सार्कोमा हो गया है जिसमें कैंसर मांस, हड्डियों, नसों, जोड़ों और ब्लड वेसेल्स में हो जाता है।

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