रशियन वैज्ञानिक कॉन्स्टेंटिन कोरोटकोव (Konstantin Korotkov) ने ह्यूमन लाइट सिस्टम पर रिसर्च के बाद मरते हुए व्यक्ति की आत्मा को बायो-इलेक्ट्रोग्राफिक कैमरे में कैद करने में सफलता पाई, पर वो भी सिर्फ कुछ समय का बायो-इलेक्ट्रिक डिस्चार्ज ही देख पाए, जैसे ही बायो-इलेक्ट्रिक डिस्चार्ज खत्म हुआ, आत्मा विलीन हो गई।
वैदिक साइंस में जिन्हें ऊर्जा चक्र कहते हैं। अभी तक इसे स्पष्ट तौर पर देखने का कोई कैमरा विकसित नहीं हुआ है, लेकिन भविष्य में इसकी संभावना है। शरीर से ऊर्जा का निकल जाना ही आत्मा का निकल जाना है। ऊर्जा या कहें कि प्रकाश आत्मा का हिस्सा है। कैमरा इस इलेक्ट्रोफिल्ड को ही पकड़ता है, आत्मा को नहीं।
हालांकि रूसी वैज्ञानिक कॉन्स्टेंटिन कोरोटकोव की मानें तो उन्होंने तस्वीरें खींचने का एक ऐसा तरीका विकसित करने का दावा किया है जिसमें मरने के बाद आत्मा शरीर से निकलती हुई दिखाई देगी। कोरोटकोव और उनकी टीम हिंदुइज्म और वैदिक साइंस से प्रेरित होकर यह रिसर्च कर रही थी। हालांकि आत्मा को देखने का कोई उपाय नहीं, लेकिन जो देखा गया, वह आत्मा के तीन शरीर में से एक सूक्ष्म शरीर ही होता है।
कोरोटकोव के अनुसार, गैस डिस्चार्ज विजुअलाइजेशन मैथड का इस्तेमाल करके किरलियन फोटोग्राफी की उन्नत तकनीक से देख सकते हैं कि किस तरह आत्मा शरीर को छोड़ते हुए दिखाई दे रही है। यह कुछ ऐसी प्रौद्योगिकी है जिसका इस्तेमाल करके चौंका देने वाला फोटो और वीडियो बना सकते हैं।
नाभि और सिर से जुड़ा होता है जीवन : उनके द्वारा खींचे गए फोटो में नाभि और सिर से उठकर आत्मा जाते हुए दिख रही है। पेट, जांघ और दिल के हिस्से से इस छायाचित्र में आत्मा अंत तक जाते हुए नजर आएगी। वेदों में उल्लेख है कि आत्मा जब स्थूल शरीर में रहती है तो उसका सूक्ष्म शरीर नाभि तंतु से जुड़ा होता है।