संकटकाल में काम आती हैं ये 13 जीवनोपयोगी वस्तुएं...

घर में फालतू का सामान बहुत होता है और छूट जाती है वे जरूरी वस्तुएं जो हमारे जीवन में संकट के दौरान काम में आती है। आधुनिक युग में व्यक्ति उन वस्तुओं पर ज्यादा आश्रित हो गया है जो विज्ञान के द्वारा जन्मी है, लेकिन उन वस्तुओं के अभाव में व्यक्ति खुद को पंगु महसूस करने लगता है।
वैसे जीवनोपयोगी वस्तुओं के बारे में आप जानते ही होंगे जैसे चाकू, कैची, माचिस, ब्रश, कपड़े, जुते-चप्पल आदि। लेकिन हम कुछ अलग तरह की वस्तुओं के बारे में बाता रहे हैं।
 
हम आपको यहां बताना चाहते हैं ऐसी उपयोगी वस्तुओं के बारे में जो हमेशा संकट काल में काम आती रही है और आती भी है। हो सकता है कि वे वस्तुएं आपके घर में हो, उनमें से कुछ हो या यह भी हो सकता है कि नहीं भी हों। तो आओ जानते हैं ऐसी ही 13 खास जीवनोपयोगी वस्तुओं के बारे में...
 
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लालटेन : आजकल मोमबत्ती या दियाबत्ती तो सभी के घरों में होती है, लेकिन लालटेन अब बहुत ही कम घरों में रही है। मोमबत्ती कुछ देर जलने के बाद बुझ जाती है, लेकिन लालटेन बहुत देर तक जलती है और इसे आप अंधेर में लेकर कभी भी जा सकते हैं। हालांकि इसकी जगह टॉर्ज का उपयोग किया जाता है। टॉर्च भी होना चाहिए।
फिर भी लालटेन चारों तरफ उजाला देने वाली वस्तु है। इसके महत्व को भी समझा जाना चाहिए। जब लाइट चली जाती है तो यह संकट काल में बहुत काम की चीज है। खुदा न खास्ता यदि आपके शहर की लाइट चार दिन के लिए चली जाएगी तो आप क्या करेंगे। अंधेरे में लालटेन खरीदने जाएंगे?
 
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हाथ का पंखा : बिजली है तो रूफ फेन या टेबल फेन काम का नहीं तो किसी काम का नहीं। ऐसे में हाथ का पंखा या परंपरागत जो पंखे होते हैं वे बहुत काम आते हैं।

आज से मात्र 100 वर्ष पहले ये पंखे खूब प्रचलन में थे और एक से एक नक्काशी किए हुए पंखे मिलते थे। हालांकि आज भी यह मिलते हैं, लेकिन अब लोगों की इसमें रुचि नहीं है। जब लाइट चली जाती है तब बच्चों को गर्मी या उमस से बचाने के लिए ये ही पंखे काम आते हैं।
 
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सिगड़ी : गैस चूल्हा और इलेक्ट्रीक चूल्हा तो सभी के घरों में होता है, लेकिन आजकल सिगड़ी बहुत कम ही घरों में देखी गई है। अब सिगड़ी का प्रचलन नहीं रहा। हालांकि सिगड़ी आज भी बहुत उपयोगी है। 
बैंगन का भर्ता बनाना हो तो सिगड़ी जरूरी है। कभी यदि अचानक गैस कि किल्लत पड़ गई तो इलेक्ट्रॉनिक चुल्हे के बजाय सिगड़ी पर खाना पकाएं। सिगड़ी तो ठंड के दिनों में ताप सेंकने के भी बहुत काम आती है। यदि आप सिगड़ी में नलीदार की बजाय लकड़ी के कोयले इस्तेमाल करेंगे तो धुंआ नहीं होगा। हालांकि नलीदार कोलने भी जलने के बाद धुंआ नहीं करते हैं।
 
उल्लेखीय है कि इलेक्ट्रॉनिक चुल्हे का खाना आप कभी-कभी  ही खा सकते हैं। रोज खाना बीमारी को बुलाना होगा। जिन लोगों ने पहली बार गैसे के चुल्हे का इस्तेमाल किया था वे जानते हैं कि उसकी रोटी में गैस की बदबू होती है। प्रतिदिन खाने वालों को यह बदबू नहीं आती। कहते हैं कि सिगड़ी की रोटी या अन्य पके हुए भोजन का स्वाद प्राकृतिक और बहुत ही मजेदार होता है।
 
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मल्टीपल पेचकस: पेचकस बड़े काम की चीज है। यह हर घर में होता है लेकिन मल्टीपल पेचकस बहुत उपयोगी होता है। आपके मशीनरी बॉक्स में इस पेचकश का होना बहुत जरूरी है। यह आपके बिजली के सारे काम कर सकता है साथ यह आपकी कार या बाइक के लिए भी उपयोगी है।
एक मजबूत और बहुउपयोगी मेचकस खरीदकर जरूर रखें यह किसी स्क्रू को कसने या खोलने का ही काम नहीं करता यह ऐसे भी काम कर सकता है जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। यह कभी किसी पिन को उखाड़ने तो कभी किसी जगह दरार करने का काम भी कर सकता है। कहते हैं कि सिर्फ एक पेचकस के दम पर एक कैदी जेल से भाग गया था।
 
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फोल्डिंग सीढ़ी : घर में अक्सर पंखा लगाने या किसी तस्वीर को दीवार पर टांगने के लिए आप किसी टेबल या कुर्सी का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन इसकी बजाय आप एक फोल्डिंग सीढ़ी खरीद लें। यह अच्छे किस्म के फाइबर की हो या फिर लोहे की। यह सीढ़ी आपके बहुत काम आएगी। हालांकि कुछ घरों में बांस की एक निसरनी होती है।
 
यह सीढ़ी पंखा या तस्वीर लगाने के काम ही नहीं घर की पुताई करने या खिड़की से उतरकर भागने के काम भी आती है। हालांकि आप सोचेंगे तो यह और भी बहुत काम की है। कभी आपके घर के बाहर कोई कार्यक्रम आयोजित किया गया है तो यह पांडालों में पर्दा लगाने, लाइट लगाने और वंदनवार लगाने के काम भी आ सकती है।
 
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केटली और सुराही : केटली चाय की भी होती है और अन्य तरह के ज्यूस रखने के लिए भी होती है। इसी तरह सुराही पानी की होती है। केटली में आप बहुत देर तक कोई चीज ताजा और गर्म रख सकते हैं तो बालु की मिट्टी से बनी सुराही में पानी ठंडा, स्वच्छ और शीतल बना रहता है।
 
सुराही का पानी पीने का आनंद ही कुछ और होता है। घड़े, मटके और सुराही का पानी पीने में जो आनंद आता है, वह फ्रिज के ठंडे पानी में नहीं। जब आपका फ्रीज बंद हो और आपको ठंडे पानी की जरूरत हो तो सुराही का पानी ही काम आता है। इसी तरह केटली भी थर्मस का काम करती है। 
 
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नीम और अरंडी का तेल : लोगों के घरों में सभी तरह का तेल मिल जाएगा लेकिन नीम या अरंडी का तेल बहुत कम घरों में होगा। यह तेल बहुत ही चमत्कारिक है। आप कहीं खुले में सो रहे हैं, जंगल में घूम रहे हैं या आपको मच्छर काटने का डर सताता है तो यह नीम का तेल बहुत ही काम का है।
नीम तेल को अपने शरीर के उन हिस्सों पर लगाएं जहां मच्छर काटने की संभावना है, जैसे कान के पीछे-आगे, हाथ के पंजे, कोहनियों और टखनों आदि जगहों पर। नीम का तेल आपके शरीर को बेक्टीरिया, किड़े और मच्छरों से सुरक्षित रखता है।
 
यह संकट काल में आपके बहुत काम का साबित हो सकता है। यहीं काम अरंडी का तेल भी कर सकता है लेकिन इसकी एक खासियत यह भी है कि दूध के साथ आधा चम्मच अरंडी का तेल मिलाकर पीने से पेट पूर्णत: साफ हो जाता है।
 
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चकमक पत्थर : हालांकि यदि आपके पास मासिच या लाइटर है तो इस पत्थर को घर में रखने की जरूरत नहीं। लेकिन यदि आप जंगल में फंस जाएं या बगैर माचिस या लाइटर के आग जलाने का काम पड़े तो आप सफेद रंग के इस पत्थर को आसानी से अपने आसपास ढूंढ सकते हैं। 
चकमक पत्थर एक ऐसा पत्थर है जिसे इसी के समान दूसरे पत्थर के साथ रगड़ने पर लाइटर जैसी चिंगारी निकलती है। प्राचीनकाल में इसी पत्थर की चिंगारी से आग लगाई जाती है।
 
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मल्टीपल ड्रिल मशीन : बैटरी से चलने वाली छोटी मल्टीपल ड्रिल मशीन बड़े काम की चीज है। घर में किल ठोंकना हो या किसी लकड़ी या दीवास पर छेद करना हो यह ड्रिल मशीन तो काम आती ही है लेकिन इसके अलावा भी यह बहुत काम की है।
 
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फोल्डिंग डंडा : मजबूत प्लॉस्टिक या स्टीक का एक ऐसा फोल्डिंग स्टीक जो आधे हाथ बराबर का होता है, लेकिन जब इसे खोला जाए तो यह लगभग 4 से 5 फुट का हो सकता है। यह किसी रेडियो या कार के ऊपर लगने वाले एरियल की तरह होता है। यह छड़ी आपकी खिड़की, दरवाजे का पर्दा हटाने का काम ही नहीं करेगी, बल्कि यह कुत्ते को भगाने के काम भी आएगी। 
 
यात्रा के दौरान या रात-बिरात आते-जाते आप इस डंडे को रखेंगे तब आपको पता चलेगा कि यह डंडा कितने काम का है। हालांकि आप इसे जितना गोपनीय रखेंगे यह उतना काम का साबित होगा। वृद्ध लोग आमतौर पर लकड़ी का डंडा लेकर बाहार निकलते हैं, लेकिन महिलाएं ऐसा नहीं कर सकतीं। लड़कियों और महिलाओं के लिए यह बहुत काम का साबित हो सकता है।
 
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घट्टी, सिलबट्टा और खल बत्ता : अब आजकल घरों में आनाज पीसने की छोटी घट्टी नहीं मिलती हालांकि ग्रामिण क्षेत्रों में अभी भी यह पायी जाती है। इसी तरह मसाला आदि पीसने का पत्थर, या खलबत्ता भी बहुत कम घरों में होता है।
कभी यदि आटा चक्की बंद हुई या कर्फ्यू के दौरान आटे की जरूरत पड़ी तो मात्र दो बाइ दो फुट की घट्टी से आप हर तरह का अनाज घर में ही पीस सकते हैं। यह घट्टी उसी तरह बहुत काम की है जिस तरह की मिक्सर की जगह काम आने वाला खल बत्ता।
 
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रेत घड़ी एवं चुम्बकीय दिशा सूचक कंपास या यंत्र :  उत्तर और दक्षिण दिशा बताने वाला जेब में रखने वाला एक छोटा सा गोल कंपास या यंत्र बहुत काम का होता है। यह आपको बताएगा कि किस दिशा में उत्तर और किस दिशा में दक्षिण है। इससे से आप अपनी स्थिति का पता लगा सकते हैं। यह यंत्र किसी गाइड की तरह काम आएगा। हलांकि रेत घड़ी का उतना काम नहीं लेकिन यह भी रखी जा सकती है।
 
चुम्बकीय कंपास का सर्वप्रथम प्रयोग समुद्री यात्रा के दौरान नौका या जहाज परिवहन के लिए किया गया है। मैगनेटिक कंपास दिशा ज्ञान पाने के लिए सबसे सरल एवं सटिक उपाय है।
 
चुम्बकीय कंपास में छोटी-सी धूरी PIVOT पर एक पत्ती लगी होती है। जिसके एक चुम्बकिय सिरे पर सामान्यतः लाल निशान लगा होता है। इस गोलाकार कंपास में 0 से 360 डिग्री तक अंक लिखे होते हैं। इस चुम्बकिय पत्ती का लाल सिरा हमेशा उत्तर दिशा की और इशारा करता है। क्योंकि पृथ्वी का नार्थपोल (उत्तरी ध्रुव) स्थाई है। और उत्तर दिशा का ज्ञान होने से बाकि दिशाओं का ज्ञान अपने आप हो जाता है। क्योंकि कंपास में सभी दिशाएं एवं डिग्री अंकित होती है। अतः किसी प्रकार की कोई गणना नहीं करना पड़ती है।
 
कंपास में दिशाओं को दर्शाने के लिए इन अंग्रेजी के इन शब्दों का उपयोग किया जाता है:- N, NE, E, SE, S, SW, W, NW. । उल्लेखनीय है कि दिशाज्ञान के लिए तारों का ज्ञान भी होना चाहिए। आपको बता दें कि ध्रुव तारा हमेशा उत्तरी ध्रुव की ओर ही रहते हैं अत: जिस ओर यह दिखाई दे समझों की उधर उत्तर है। इसी तरह यदि चंद्रमा सूर्यास्त से पहले उदय हो चुका हो तो चंद्रमा का चमकने वाला प्रकाश युक्त भाग सदैव पश्चिम में ही होता है। अर्धरात्रि के बाद चंद्रमा का उदय हुआ हो उस समय यह चमकने वाला भाग पूर्व की ओर होता है।
 
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सूखे खाद्य पदार्थ : हालांकि यह सभी के घरों में होता है। यात्रा में, उपवास में या किसी दिन जब भोजन न बने तब सूखे मेवे और अन्य पदार्थ बहुत उपयोगी होते हैं। मैगी या नूडल्स के जमाने में आजकल इनको कोई नहीं पूछता।
 
सूखे मेवों में काजू, बादाम, अखरोट, किशमिश, मनुक्का, पिस्ता, पिकन, खूबानी, छुआरा, मखाने, अंजीर, आदि  आते हैं। उपरोक्त सूखे मेवे खाते रहने से शरीर मजबूत और सेहत मंद बना रहेगा साथ ही किसी भी प्रकार का रोग नहीं होगा। इसी तरह अन्य सूखे खाद्य पदार्थों में चना, गुढ़, मूंगफली, पापड़, सेव भी बहुत उपयोगी है। यह वह भोज्य पदार्थ हैं जो बहुत समय तक खराब नहीं होते हैं और यात्रा में या किसी अन्य संकट काल में यह काम आते हैं। एक मुट्ठीभर चले खाकर भी आप दिनभर की ऊर्जा इकट्ठी कर सकते हैं।
इति

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