क्‍या है ‘जीरो माइल’... आखि‍र क्‍यों कहा जाता है नागपुर को भारत का केंद्र?

नवीन रांगियाल

शनिवार, 17 अक्टूबर 2020 (17:04 IST)
देश के सबसे अच्‍छे संतरों की बात हो तो सबसे पहले महाराष्‍ट्र के नागपुर शहर का नाम जेहन में आता है। यह शहर एक मिली-जुली तहजीब के लि‍ए भी जाना जाता है। यहां राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ का मुख्‍यालय है तो वहीं हजरत ताजुद्दीन बाबा की प्रसिद्ध दरगाह भी है। वहीं शहर के एक मुहाने पर बौद्ध धर्म और इसके अनुयायि‍यों का प्रतीक स्‍मारक दीक्षा भूमि भी है।

कई खूबसूरत झीलों से घि‍रे इस शहर के आसपास वाले इलाके में फैला वनक्षेत्र शेर और उनके प्रजनन के लिए सुरक्षि‍त माना जाता है। इसलिए नागपुर को टाइगर कैपिटल ऑफ इंडिया भी कहा जाता है।

इतनी खूबि‍यों के अलावा नागपुर ‘जीरो माइल’ के लिए भी जाना जाता है। जीरो माइल यानी शून्‍य मील का पत्‍थर। कहा जाता है कि नागपुर भारत के बि‍ल्‍कुल मध्य में स्‍थि‍त है, इसलिए यहां जीरो माइल यानी शून्य मील का पत्थर लगाया गया है।

दरअसल, जब अंग्रेजों ने भारत को अलग-अलग स्‍टेट में विभाजित किया तो इस विभाजन के बाद नागपुर को पूरे देशभर का केंद्र माना गया था, इसलिए यहां एक पत्‍थर स्‍थापित किया गया था जिसे ‘जीरो माइल’ कहा गया।
पुरातत्‍वि‍क भाषा में इसे समझे तो नागपुर में जिस जगह पर जीरो माइल लगाया गया है वो भारत का भौगोलिक केंद्र है। इस सेंटर का उपयोग नागपुर से दूसरे राज्‍यों की दूरी को नापने के लिए भी किया जाता था।

हालांकि इस पहचान के साथ अब कुछ विवाद भी जुड़ गए हैं। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि भारत विभाजन होने और पाकिस्‍तान बनने के बाद नागपुर भारत का केंद्र नहीं रहा है। उन रि‍पोर्ट के मुताबि‍क भारत के केंद्र अब मध्‍यप्रदेश के एक छोटे से गांव में आ गया है, यह गांव मध्‍यप्रदेश के जबलपुर जिले के सिहोरा से करीब 40 किमी दूर करैन्‍दी में है। हालांकि यह सब रिपोर्ट के हवाले से ही कहा गया है, वेबदुनिया इस दावे की पुष्‍ट‍ि नहीं करती हैं।


जीरो माइल के बारें में कुछ खास बातें

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