सीतारमण ने कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था के बारे में सदन के पटल पर श्वेत पत्र पेश करेगी, ताकि ये पता चल सके कि वर्ष 2014 तक हम कहां थे और अब कहां हैं। इस श्वेत पत्र का मकसद उन वर्षों के कुप्रबंधन से सबक सीखना है।
वित्त मंत्री ने कहा कि 2014 में अर्थव्यवस्था को चरणबद्ध ढंग से दुरुस्त करने और शासन प्रणाली को सही राह पर लाने की बड़ी जिम्मेदारी थी। समय की मांग थी कि लोगों की उम्मीदें जगें, निवेश आकर्षित किया जाए और जरूरी सुधारों के लिए समर्थन जुटाया जाए। ऐसे समय में सरकार ने राष्ट्र प्रथम के मजबूत विश्वास के साथ इसे सफलतापूर्वक हासिल किया।
सीतारमण ने कहा कि सरकार के कामकाज, प्रदर्शन और जन कल्याण ने लोगों का विश्वास और आशीर्वाद दिलाया है। इससे पता चलता है कि आने वाले समय में नेक इरादे, सच्ची लगन और सतत प्रयासों से विकसित भारत का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है, चाहे इसके लिए कितनी भी कोशिश करने पड़े। (भाषा)