पुरानी कहावत है कि 'बकरे की मां कब तक खैर मनाएगी, लेकिन एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है कि बकरी अपने से अलग हुए बच्चे को कम से कम एक साल तक नहीं भूल पाती है।
इस अध्ययन से इस बात को फिर बल मिला है कि हमें पालतू पशुओं के भावनात्मक जीवन को कम करके नहीं आंकना चाहिए। यह अध्ययन रॉयल सोसाइटी की पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। अध्ययन में पाया गया कि बकरियां अपने पारिवारिक संबंधों को लंबे समय तक याद रखती है।
लंदन विश्वविद्यालय के क्वीन मैरी की अनुसंधानकर्ता एलोडी ब्रीफर के अनुसार, वे एक साल पहले पैदा हुए बच्चे के बुलाने पर ज्यादा प्रतिक्रिया व्यक्त करती हैं। उनकी प्रतिक्रिया स्तनपान छूटने के बाद अन्य बकरियों के पैदा हुए मिलते-जुलते बच्चों के आह्वान की तुलना में अधिक होती है।
लाइव साइंस डॉट कॉम में ब्रीफर के हवाले से कहा गया कि इसका अर्थ यह है कि बकरियों को अपने बच्चों की पुकार के बारे में बहुत देर तक याद रहता है। (भाषा)