पाकिस्तान में पिछले एक वर्ष की अवधि में झूठी शान के लिए 900 से ज्यादा महिलाओं की हत्या की गई है जबकि करीब 4,500 महिलाएं घरेलू हिंसा का शिकार हुई हैं।
पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग (एचआरसीपी) ने गुरुवार को जारी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मीडिया निगरानी और आयोग के स्वयंसेवकों की ओर से मिली रिपोर्ट के मुताबिक, कम से कम 943 महिलाओं की हत्या झूठी शान के नाम पर की गई है जिनमें से 93 नाबालिग थीं।
एचआरसीपी ने अपने ‘स्टेट ऑफ ह्यूमन राइट्स इन 2011’ रिपोर्ट में कहा है कि हत्यारों के अनुसार झूठी शान के लिए हत्या के 595 मामलों का कारण ‘अवैध संबंध’ हैं जबकि 219 मामलों में महिलाओं ने अपनी पसंद के लड़के से विवाह करने की मांग की थी।
झूठी शान के लिए हत्या का शिकार होने वालों में सात ईसाई और दो हिन्दू महिलाएं भी शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 180 मामलों में हत्यारे पीड़िता के भाई थे जबकि 226 मामलों में पतियों ने हत्या की।
उसके मुताबिक, मरने वालों में सबसे ज्यादा संख्या 557, विवाहित महिलाओं की रही। हत्या करने से पहले कम से कम 19 महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया था और 12 के साथ सामूहिक बलात्कार हुआ था।
घरेलू हिंसा की शिकार हुई महिलाओं में लगभग सभी विवाहिताएं ही हैं। मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, कम से कम 38 महिलाओं पर तेजाब से हमले किए गए, जबकि 47 को आग में जला दिया गया। सार्वजनिक तौर पर प्रताड़ित करने के लिए 10 महिलाओं के सिर मुंडा दिए गए जबकि नौ महिलाओं की नाक या फिर शरीर के अन्य अंग काट दिए गए।
फरवरी 2011 में संसद में रखे गए आंकड़ों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले दो वर्ष की अवधि में पूरे देश में घरेलू हिंसा के 11,798 मामले आए हैं, जिनमें सबसे ज्यादा, 8,433 मामले पंजाब से आए हैं।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पिछले वर्ष 701 महिलाओं ने आत्महत्या कर ली जबकि 428 ने अपनी जान लेने की कोशिश की।
यह आंकड़े पाकिस्तान में महिलाओं के खिलाफ हो रही हिंसा को दिखाते हैं। पाकिस्तान में अभी तक घरेलू हिंसा के खिलाफ कोई कानून नहीं है। (भाषा)