सबसे बड़ा सौर तूफान शुक्रवार रात अपना गहरा प्रभाव छोड़ने के बाद समाप्त हो गया। वर्ष 2004 के बाद से यह अब तक की सबसे महत्वपूर्ण भू-चुंबकीय घटना है।
अमेरिकी विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इस सप्ताह के अंत तक इसके और प्रभाव सामने आएंगे। सूर्य से निकलने वाली विकिरण का पावर ग्रिड पर सीमित प्रभाव हुआ। इसके चलते ध्रुव के पास विमानों को अपने मार्ग परिवर्तित करने पड़े। इसके ध्रुव के पास से नार्थन लाइट्स देखी गईं।
मंगलवार को सूर्य की सतह से दो मजबूत सौर ज्वाला उठी थीं, जिससे बने प्लाज्मा और आवेशित कण पृथ्वी की ओर बढ़ने लगे थे, लेकिन गत गुरुवार को पृथ्वी पर पहुंचने पर आवेशित कणों का यह तूफान ‘नरम स्तर’ पर पहुंच गया। इससे बिजली आपूर्ति की या जीपीएस नेविगेशन प्रणाली में कोई समस्या उत्पन्न नहीं हुई जैसा पहले अनुमान लगाया गया था। (भाषा)