सीस्मोलॉजिस्ट डोगन पेरिनेक ने रूस की न्यूज एजेंसी के सामने यह दावा किया है। उन्होंने बताया कि ये भूकंप पश्चिमी तुर्किए की पोर्ट सिटी कैनाकाले के पास आएगा। डोगन पेरिनेक के मुताबिक काफी समय से यहां सिस्मिक तरंगों में हलचल बढ़ी है। बताया जा रहा है कि कैनाकाले में हर 250 सालों बाद भूकंप आता है। हालांकि अभी वहां भूकंप आए करीब 287 साल बीत चुके हैं।
दफन के लिए सामुहिक कब्रें
तुर्किए में भूकंप की वजह से लाशों का ढेर लग गया है। कई देशों की रेस्क्यू टीमें तुर्की के नागरिकों को बचाने में लगी हैं। ऐसे में वहां अब भी कई घायल और शव मलबे में दबे होने की आशंका है। मरने वालों और घायलों की संख्या में इजाफा हो सकता है। ऐसे में मृत लोगों को दफनाने के लिए तुर्किए में सामुहिक कब्रगाह बनाए जा रहे हैं।
ये शहर हो गए तबाह
भूकंप के जलजले ने तुर्किए के अंटाक्या, सनलिउरफा और सीरिया का अलेप्पो शहर पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है। यहां पानी और बिजली की सप्लाई भी बंद है। लोग शेल्टर होम्स में रह रहे हैं। खाने-पीने का सामान नहीं मिल रहा है। दुनिया के करीब 95 देशों ने तुर्किए को मदद भेजी है, वहीं भारत ने राहत सामग्री के साथ ही मेडिकल सुविधाएं, दवाईयां और मेनफोर्स भी भेजा है।
edited by navin rangiyal