Air Pollution का खतरा, दुनिया में 250 करोड़ लोगों पर असर, 2019 में हुई 18 लाख मौतें, 20 लाख बच्‍चे आए अस्‍थमा की चपेट में

Webdunia
गुरुवार, 6 जनवरी 2022 (13:24 IST)
दुनिया पहले से ही कोरोना वायरस और इसके ओमिक्रॉन वैरिएंट के दंश को झेल रही है, ऐसे अब हाल ही में दुनिया में प्रदूषण को लेकर सामने आई एक रिपोर्ट ने चिंता में डाल दिया है।

चिंता वाली बात यह है कि पिछले सालों में वायु प्रदूषण की वजह से दुनिया में मौत का आंकड़ा बढ़ा है। वहीं अब इससे बच्‍चे भी बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं। अगर ऐसा ही चलता रहा तो आने वाला समय और ज्‍यादा बुरा हो सकता है।

दरअसल, द लैंसेट प्लैनेटरी हेल्थ जर्नल में प्रकाशित हुई इस नई रिसर्च में खुलासा हुआ है कि दुनियाभर के शहरों में रह रहे करीब 250 करोड़ लोग वायु प्रदूषण की चपेट में हैं।

इसी वजह से साल 2019 में इन शहरों में 18 लाख से ज्यादा मौतें हुई थीं। लैंसेट की ही एक दूसरी स्टडी में वैज्ञानिकों ने माना है कि 2019 में वायु प्रदूषण से 20 लाख से ज्यादा बच्चे अस्थमा की बीमारी के शिकार भी हुए। बता दें कि विश्व की 55 प्रतिशत से ज्यादा आबादी शहरों में रहती है।

क्‍या कहती है रिपोर्ट?
पहली रिसर्च में ये कहा गया है कि PM2.5 दुनिया में बढ़ती मौतों का कारण है। ये वायु में मौजूद ऐसे कण होते हैं, जिनका आकार 2.5 माइक्रोमीटर या उससे कम होता है। जब ये कण हमारे शरीर के अंदर जाते हैं, तब हमें दिल और सांस संबंधी बीमारियां होने का खतरा होता है। इससे मौत भी हो सकती है।

कैसे की गई रि‍सर्च?
इस रिसर्च में वैज्ञानिकों ने दुनिया के 13,000 शहरों में साल 2000 से 2019 तक PM2.5 की बढ़ती मात्रा का आंकलन किया। इसमें सबसे ज्यादा बढ़त दक्षिण पूर्वी एशिया में पाई गई। यहां वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों की दर 33% से 84% तक बढ़ गई।

रिसर्च के मुताबिक, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड की मात्रा बच्चों में अस्थमा की बीमारी को बढ़ा रही है। नाइट्रोजन डाइऑक्साइड की मात्रा बच्चों में अस्थमा की बीमारी को बढ़ा रही है। NO2 एक वायु प्रदूषक है जो वाहनों, पावर प्लांट्स, इंडस्ट्रियल मैन्युफैक्चरिंग और एग्रीकल्चर से निकलता है।

क्‍या हो रहा दुनिया में?
रिसर्च के मुताबिक साल 2000 से 2019 तक दुनिया के 13,189 शहरी क्षेत्रों में चाइल्ड अस्थमा में इजाफा देखने को मिला। बच्चों में अस्थमा के करीब 20 लाख मामले NO2 की देन हैं। साथ ही, हर साल इनमें 8.5% नए केस जुड़ जाते हैं।

क्‍या खतरा है प्रदूषण से?

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