सीरिया में पिछले हफ्ते रासायनिक हमलों के बाद अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने सीरिया पर शुक्रवार रात 105 से अधिक मिसाइलें दागी और हवाई हमले किए। इन हमलों का लक्ष्य बारजेह जिले में एक शोध एवं विकास संगठन था और ऐसे ही हमले होम्स में दो शोध प्रतिष्ठानों पर किए गए।
इन देशों का कहना है कि इस हमले का मकसद सीरिया के रासायनिक कार्यक्रम की क्षमता को पंगु बनाना था और इनका इरादा असद सरकार को गिराना या उसके गृह युद्ध में हस्तक्षेप करना नहीं है। इन हमलों को सीरिया ने अवैध कार्रवाई करार दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हवाई हमलों के बाद एक टवीट कर कहा मिशन पूरा हुआ।
अमेरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन में लेफ्टिनेंट जनरल केनेथ मैंकेंजी ने बताया कि हमारा मानना है कि बारजेह में हमला कर हमने सीरियाइ रासायनिक हथियार कार्यक्रम को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है। उन्हाेंने यह भी कहा कि इस कार्यक्रम के कुछ अंश अभी बाकी है और वह इस बात की गारंटी नहीं दे सकते है कि सीरिया भविष्य में ऐसी किसी गतिविधि को अंजाम नहीं देगा।
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत निक्की हैली ने एक आपातकालीन बैठक में कहा था कि अगर सीरिया फिर जहरीली गैस का इस्तेमाल करता है तो अमेरिका पूरी तरह तैयार है इन हमलों के बारे में सीरिया के मित्र देशों के एक अधिकारी ने बताया कि हमलों से कुछ दिन पहले रूस की सलाह पर नागरिकों को वहां से चले जाने के निर्देश दे दिए गए थे।
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि ये हमले अस्वीकार्य हैं और पूरी तरह अवैध हैं। सीरियाई मीडिया ने इन्हें अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन करार दिया है और ईरान के नेता अयातुल्ला अली खोमैनी ने इन्हें अपराध की संज्ञा देते हुए पश्चिमी देशों के नेताओं को अपराधी करार दिया है। रूस ने कहा है कि उसके सहयोगी के खिलाफ की गई इस कार्रवाई का सही समय पर जवाब दिया जाएगा। (वार्ता)