डेमोक्रेटिक और रिपब्लिक पार्टी के दर्जनों पूर्व अधिकारियों के इस पैनल ने पाया कि एक ओर जहां अमेरिकी सेना बजट में कटौती का सामना कर रही है और उन्हें मिलने वाली सुविधाओं में कमी आ रही है, वहीं चीन और रूस जैसे देश अमेरिकी ताकत के साथ संतुलन कायम करने के लिए अपनी शक्ति बढ़ा रहे हैं।
आयोग का कहना है कि अमेरिका की सैन्य श्रेष्ठता, जो दुनिया में उसकी ताकत का लोहा मनवाती है और राष्ट्रीय सुरक्षा, बेहद खतरनाक डिग्री तक खराब हुई है। पैनल ने पाया कि इस सदी में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पर अमेरिका का ध्यान केन्द्रित होने से वह युद्ध के अन्य क्षेत्रों जैसे मिसाइल रक्षा, साइबर और अंतरिक्ष अभियान सहित अन्य क्षेत्रों में पिछड़ रहा है।